ग्रीष्म ऋतु में देने योग्य स्वास्थ्य वर्धक पदार्थ: पेय पदार्थ आम का पना (कच्चे आम उबालकर उसका रस) नीबू का पानी, पुदीना सूखा अथवा गीला, नमक, मीठा, ग्लूकोज (नमक व मीठा), बेल का रस, संतरे का रस, अनार का रस, अनानास का रस, खरबूजे का रस, छाछ पतली (घी निकली हुई), आँवला सूखा, सौंफ का पानी, ठंडाई, गुड़, नींबू का पानी (अमृता)। ठोस पदार्थ- आँवला सूखा, पुदीना की चटनी, मुनक्का की चटनी। अन्य पदार्थ- सत्तू (गेहूँ+चना), सिमैथा। नोट: गीला कपड़ा लपेटकर रखने से जूस, ठण्डाई, बगैरह गर्म नहीं होते हैं।
वर्षा ऋतु में देने योग्य स्वास्थ्य वर्धक पदार्थ: पेय पदार्थ छाछ, सौंठ डला उबला पानी, पानी के दोष खत्म कर देता है। नींबू का पानी, नमक मीठा (ग्लूकोज), घी, कालीमिर्च, हल्दी, सौंठ और पानी की उकाली। ठोस पदार्थ- करेला की सब्जी, खींच, सौंठ भी चला सकते हैं। सावधानी- इस मौसम में जठराग्नि मंद पड़ जाती है इसलिये ज्यादा गरिष्ठ तला हुआ, आहार नहीं चलाये हल्का एवं सुपाच्य आहार दें।
शीत ऋतु में देने योग्य स्वास्थ्य वर्धक पदार्थ: पेय पदार्थ- घी, काली मिर्च, हल्दी, सौंठ और पानी की उकाली। ठोस पदार्थ- मीठे पदार्थ, बाफला, बाटी, चना व गेहूँ की मिक्स रोटी, हरीरा, ज्वार, बाजरा की रोटी आदि।
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