(F) आहार दान में विज्ञान-
चलित रस की अवधारणा– इजराइल के वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान के माध्यम से यह पता लगाया है कि फलों को 55° सेल्सियस तापमान पर गर्म पानी में डुबकी लगाने से फलों की उम्र एक सप्ताह तक बढ़ जाती है वे फंफूद पेनीसिलम डिजिटेटम और पीटेलीकम के नष्ट हो जाने से सडते नहीं हैं, इन रोगाणु, विषाणु के नष्ट हो जाने के बाद फलों की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ जाती है तथा पालिमर लिगानिन का साव्र रिस करके रक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। अब इस वैज्ञानिक अनुसंधान के बाद हमें चितंन इस बात का करना होगा कि फलों को गर्म करने से उनकी अभक्ष्यता मानना वैज्ञानिक आधार कितना उचित होगा, जबकि चलित रस अभक्ष्य उन दलहन तिलहन अन्न, फल आदि पर लागू होता है जो बहुत समय तक रखें रहने के कारण फफूंद पेनिसिलियम और अन्य वैक्टीरिया, विषाणु के पैदा हो जाने से अपना मूल रस/स्वाद बदल देते हैं और उन्हें अभक्ष्य की श्रेणी में अहिंसा की दृष्टि से गर्भित किया जाता है। फलों को गर्म करके अचित्त करना किसी भी प्रकार के रोगाणु, विषाणु फफूंद आदि को पैदा नहीं कर सकता है। यह धारणा गलत है कि फलों को ज्यादा गर्म करने से स्वाद बदल जायेगा। (संस्कार सागर दिसम्बर २००२)
2. B. आहारदान की निम्न आवश्यक पात्रतायें एवं निर्देश
3. C निरन्तराय आहार हेतु सावधानियाँ एवं आवश्यक निर्देश
4. D फल, साग की सही प्रासुक विधि एवं सावधानियाँ
5. E आहार सामग्री की शुद्धि भी आवश्यक
6. F आहार दान में विज्ञान
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