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अरिहंत सिद्धाचार्य पाठक साधु त्रिभुवनवन्द्य हैं जिनधर्म जिनागम जिनेश्वर मूर्ति जिनग्रह वन्द्य हैं॥
श्री अरहंत सिद्ध, आचार्योपाध्याय, मुनि साधु महान। जिनवाणी, जिनमंदिर, जिनप्रतिमा, जिनधर्मदेव नव जान॥
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