Category: पूजा-pooja

Digambar Jain Poojas

Mar 02
Keval Ravi Kirno se- Dev Shastra Guru Puja – Yugal Ji Krut केवल रवि किरणों से – देव शास्त्र गुरु पूजा – युगल जी कृत

केवल-रवि किरणों से जिसका, सम्पूर्ण प्रकाशित है अंतर । उस श्री जिनवाणी में होता, तत्त्वों का सुंदरतम दर्शन ॥ सद्दर्शन-बोध-चरण पथ पर, अविरल जो बढते हैं मुनि-गण। उन देव परम आगम गुरु को, शत-शत वंदन शत-शत वंदन ॥

Nov 15
Mrutyu Marge Pravruttasya – Mrutyu Mohatsav मृत्यु मार्गे प्रवृत्तस्य – मृत्यु महोत्सव

मृत्यु- मार्गे प्रवृत्तस्य वीतरागोददातु मे समाधि-बोधि-पाथेयं यावन्मुक्ति-पुरी पुर:॥१॥

Nov 15
Chidanandaik Rupay – Laghu Pratikraman चिदानंदैक रूपाय – लघु प्रतिक्रमण

चिदानन्दैक रूपाय, जिनाय परमात्मने। परमात्मप्रकाशाय, नित्यं सिद्धात्मने नम:॥

Nov 14
Jo Anaadi Se Vyakt Nahi Tha- Choubees Tirthankar Stavan जो अनादि से व्यक्त नहीं था – चौबीस तीर्थंकर स्तवन

जो अनादि से व्यक्त नहीं था त्रैकालिक ध्रुव ज्ञायक भाव। वह युगादि में किया प्रकाशित वन्दन ऋषभ जिनेश्वर राव॥१॥

Nov 14
Devshashtra Guru Ko Namu- Baaees Parishah देवशास्त्र गुरु को नमूं – बाईस परीषह

देवशास्त्र गुरु को नमू, नमू जोड़ के हाथ द्वाविंशति परिषह लिखूं, लखूँ स्वात्म सुखनाथ॥

Nov 10
Gyanjihaj Baithi Ganadhar Se- Bhudhar Shatak 1-to-7 ज्ञानजहाज बैठी गणधर से – भूधर शतक १-७

ज्ञानजिहाज बैठि गनधर-से, गुनपयोधि जिस नाहिं तरे हैं। अमर-समूह आनि अवनी सौं, घसि-घसि सीस प्रनाम करे हैं।

Nov 10
Beej Raakh Phal Bhogavai- Vairagya Bhavna बीज राख फल भोगवै – वैराग्य भावना

बीज राख फल भोगवै, ज्यों किसान जगमाहिं त्यों चक्री सुख में मगन, धर्म विसारै नाहिं ॥

Nov 10
Sudhyan Me Lavleen Ho Jab- Dev-Shashtra-Guru-Vandana सुध्यान में लवलीन हो जब – देव शास्त्र गुरु वंदना

सुध्यान में लवलीन हो जब, घातिया चारों हने । सर्वज्ञ बोध विरागता को, पा लिया तब आपने ।

Nov 10
Veetraag Vando Saada- Nirvan Kaand वीतराग वंदो सादा – निर्वाण कांड

वीतराग वंदौं सदा, भावसहित सिरनाय कहुं कांड निर्वाण की भाषा सुगम बनाय ॥

Nov 10
Satveshu Maitrim Gunishu Pramodam- Samayik Paath सतवेषु मैत्रीं गुणिषु प्रमोदं – सामायिक पाठ

सत्त्वेषु मैत्रीं गुणिषु प्रमोदं क्लिष्टेषु जीवेषु कृपापरत्वं माध्यस्थभावं विपरीतवृत्तौ, सदा ममात्मा विदधातु देव ॥१॥

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