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Oct 17
5. Muni Aahar Procedure

(E) आहार सामग्री की शुद्धि भी आवश्यक: (क) जल शुद्धि कुएँ में जीवानी डालने के लिये कड़े वाली बाल्टी का ही प्रयोग करें, एवं जल जिस कुएँ आदि से भरा है, जीवाभी भी उसी कुएँ में धीरे-धीरे छोड़ें। कडे वाली बाल्टी जब पानी की सतह के करीब पहुँच जावे, तब धीरे से रस्सी को झटका […]

Oct 17
4. Muni Aahar Procedure

(D) फल, साग की सही प्रासुक विधि एवं सावधानियाँ: संयमी या व्रती किसी भी वनस्पति को या तो रस के रूप में, साग के रूप में, शेक (गाढा रस) के रूप में, चटनी के रूप में लेते हैं। फल के रूप में जैसे ग्रहस्थ लेते हैं, वैसे नहीं लेते। फलों को जैसे नाशपाती, सेव, केला, […]

Oct 17
3. Muni Aahar Procedure

(C) निरन्तराय आहार हेतु सावधानियाँ एवं आवश्यक निर्देश: साधु के निरंतराय आहार होवे, यह दाता की सबसे बड़ी उपलब्ध है। क्योंकि साधु की संपूर्ण धर्म साधना, चिंतन, पठम मनन निर्वाध रूप से अविरल अर्हनिश होती रहे. इस हेतु निरंतराय आहार आवश्यक है। सावधानी रखना दाता का प्रमुख कर्तव्य है। 2. तरल पदार्थ (जल, दूध, रस […]

Sep 28
2. Muni Aahar Procedure

(B) आहारदान की निम्न आवश्यक पात्रतायें एवं निर्देशः आहारदाता का प्रतिदिन देव दर्शन का नियम, रात्रि भोजन का त्याग, सप्त व्यसनों का त्याग तथा सच्चे देव, शास्त्र, गुरुको मानने का नियम होना चाहिये। जिनका आय का श्रोत हिंसात्मक व अनुचित न हो। (शराब का ठेका, जुआ, स‌ट्टा खिलाना, कीटनाशक दवायें, ब्यूर्त पार्लर, नशीली वस्तु का […]

Sep 23
1. Muni Aahar Procedure

साधुओं को अवश्य दें आहारदान – किंतु रहें सावधान ? 1. A- पूजन एवं आहारदान संबंधी निर्देश 2. B. 3. C. (A) पूजन एवं आहारदान संबंधी निर्देश: आहार नवधा भक्तिपूर्वक ही देवें, क्योंकि इस विधिपूर्वक दिया गया आहारदान ही पुण्य बंध का कारण होता है। नवधा भक्ति – पड़गाहन उच्चासन पादप्रक्षालन पूजन नमन मनशुद्धि वचनशुद्धि […]

Sep 18
Jaymala

Jaymala​ उत्तम छिमा गहो रे भाई, इह-भव जस, पर-भव सुखदाईगाली सुनि मन खेद न आनो, गुन को औगुन कहै अयानो ॥ Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Ut elit tellus, luctus nec ullamcorper mattis, pulvinar dapibus leo. कहि है अयानो वस्तु छीनै, बाँध मार बहुविधि करैघर तैं निकारै तन विदारै, वैर जो न […]

Sep 17
Jain Poojas

Pooja-Stotra-Vidhan

Sep 11
Muni Aahar Procedure

साधुओं को अवश्य दें आहारदान – किंतु रहें सावधान ? (A) पूजन एवं आहारदान संबंधी निर्देश : 1. आहार नवधा भक्तिपूर्वक ही देवें, क्योंकि इस विधिपूर्वक दिया गया आहारदान ही पुण्य बंध का कारण होता है। नवधा भक्ति – (1) पड़गाहन (2) उच्चासन (3) पादप्रक्षालन (4) पूजन (5) नमन (6) मनशुद्धि (7) वचनशुद्धि (8) कायशुद्धि […]

Feb 29
Site for Digambar Jain Swadhyay

Useful Digambar Jain Sites Sr.No Details Site Link More Info 1 Jain Swadhay https://www.jainkosh.org/ 2 Jain Mandir https://www.jainmandir.org/ 3 Jain Pooja https://www.jainpuja.com/ 4 Jain Siddhant http://www.jainsiddhant.org/ Desktop only site

Feb 24
Acharya Vidyasagarji Maharaji Muni Sangh based on Diksha Tithi

Previous Next Acharya Vidyasagarji Maharaji Muni Sangh based on Diksha Tithi दीक्षा तिथि के अनुसार आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज से दीक्षित –130 मुनिराज के नाम की सूची क्रमशः देखें- दीक्षा तिथि – 08/03/1980-द्रोणगिरी1-मुनिश्री समयसागर जी दीक्षा तिथि – 15/04/1980-मोराजी सागर2-मुनिश्री योगसागर जी3-मुनिश्री नियमसागर जी दीक्षा तिथि- 29/10/1981-नैनागिर जी4-मुनिश्री चेतनसागर जी5-मुनिश्री ओमसागर जी दीक्षा तिथि – […]

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