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#Niranjanmatiji1932Nangmatiji
Aryika Shri 105 Niranjanmati Mataji received Initiation from Ganini Aryika Shri 105 Nangmati Mataji.
पदमा जैन का जन्म २० फरवरी १९३२ को फाल्गुन शुक्ल सप्तमी, विक्रम संवत १९८८ को धामणिया ग्राम, भीलवाड़ा, राजस्थान में हुआ। उनके पिता का नाम स्व. श्री कन्हैया लालजी जैन और माता का नाम स्व. श्रीमती गट्टुदेवी जैन था। उनका विवाह स्व. श्री कुंदनमलजी जैन से हुआ। ससुराल पलासिया, जहाजपुर, भीलवाड़ा में है। उनके तीन पुत्र और दो पुत्रियाँ हैं, जिनमें से एक पुत्री ब्र. मुन्ना दीदी जी हैं, जो पहले गणिनी आर्यिका श्री गौरवमती माताजी के संघ में थीं और अब गणिनी आर्यिका श्री नंगमती माताजी के संघ में हैं। उन्हें १५ फरवरी २०१५ को श्री दिगंबर जैन मंदिर, जयपुर में क्षुल्लिका दीक्षा मिली, जिसके बाद उनका नाम क्षुल्लिका श्री १०५ श्रेयांशमती माताजी रखा गया। ३१ जुलाई २०२४ को श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर, जयपुर में आर्यिका दीक्षा प्राप्त की, जिसके बाद उनका नाम आर्यिका श्री १०५ निरंजनमती माताजी रखा गया।
परम पूज्य गणिनी आर्यिका १०५ श्री सुपार्श्वमती माताजी की प्रमुख शिष्या, मध्यलोक सृजनिका , शिष्योत्तमा श्रमणी , परम पूज्य गणिनी आर्यिका १०५ श्री गौरवमती माताजी की शिष्या, परम पूज्य आर्यिका श्री १०५ निरंजनमती माताजी ( श्रेयांसमती माताजी ) का दिनांक २ अगस्त २०२४ को , प्रातः १०:३० बजे श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर तीर्थ, सुधर्म नंग अहिंसा ट्रस्ट, बीलवा, जयपुर, राजस्थान में परम पूज्य गणिनी आर्यिका श्री १०५ नंगमती माताजी के सानिध्य व निर्यापकत्व मे यम सल्लेखना पूर्वक सम्यक समाधिमरण हुआ।
#Niranjanmatiji1932Nangmatiji
आर्यिका श्री १०५ निरंजनमती माताजी
Ganini Aryika Shri 105 Nangmati Mataji
गणिनी आर्यिका श्री १०५ नंगमती माताजी Ganini Aryika Shri 105 Nangmati Mataji
NangmatijiVimalPrabhaMataJi1951
Aryika Shri 105 Niranjanmati Mataji received Initiation from Ganini Aryika Shri 105 Nangmati Mataji.
Padma Jain was born on February 20, 1932, on Phalguna Shukla Saptami, Vikram Samvat 1988, in Dhamaniya village, Bhilwara, Rajasthan. Her father was the late Shri Kanhaiya Lal Jain, and her mother was the late Smt. Gattudevi Jain. She was married to the late Shri Kundanmal Jain. Her in-laws are in Palasia, Jahajpur, Bhilwara. She has three sons and two daughters, one of whom, Br. Munna Didi Ji, was previously with Ganini Aryika Shri Gauravmati Mataji's group and is now with Ganini Aryika Shri Nangmati Mataji's group. She received the Kshullika initiation on February 15, 2015, at Shri Digambar Jain Temple in Jaipur, after which she was named Kshullika Shri 105 Shreyanshmati Mataji. On July 31, 2024, she received the Aryika initiation at Shri Shantinath Digambar Jain Temple in Jaipur, after which she was named Aryika Shri 105 Niranjanmati Mataji.
On August 2, 2024, at 10:30 AM, the revered Aryika Shri 105 Niranjanmati Mataji (Shreyanshmati Mataji), a principal disciple of the highly revered Ganini Aryika 105 Shri Suparshwmati Mataji, the creator of the Middle World, and a disciple of the esteemed Ganini Aryika 105 Shri Gauravmati Mataji, attained Samadhimaran with the practice of Yama Sallekhana in the presence and guidance of the revered Ganini Aryika Shri 105 Nangmati Mataji at Shri Shantinath Digambar Jain Temple Tirth, Sudharm Nang Ahimsa Trust, Beelwa, Jaipur, Rajasthan.
Aryika Shri 105 Niranjanmati Mataji
गणिनी आर्यिका श्री १०५ नंगमती माताजी Ganini Aryika Shri 105 Nangmati Mataji
गणिनी आर्यिका श्री १०५ नंगमती माताजी Ganini Aryika Shri 105 Nangmati Mataji
Ganini Aryika Shri 105 Nangmati Mataji
Ganini Aryika Shri 105 Nangmati Mataji
#Niranjanmatiji1932Nangmatiji
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