Aryika Shri 105 Siddhamati Mata ji was born in Delhi.Her name was Satobai before diksha.She received the initiation from Acharya Shri 108 Shanti Sagar Ji Maharaj.
श्री १०५ आर्यिका सिद्धमतीजी का पहले का नाम सतोबाई था। आपका जन्म विक्रम सं० 1950 के आश्विन मास में हुआ था। भारत की राजधानी देहली को आपकी जन्मभूमि होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था । आपके पिता का नाम लाला नन्दकिशोर था तथा माता का नाम कट्टो देवी था । आप अग्रवाल जाति की भूषण और सिंहल गोत्रज थीं । आपका विवाह ८ वर्ष की अल्पावस्था में हुआ था। परन्तु पांच वर्ष बाद ही आपको पतिवियोग सहना पड़ा।
आपने संसार की असारता देख जीवन को जल बिन्दु सदृश क्षणिक समझा। इसलिए आत्मा का कल्याण करने के लिए वि० सं० १९९० में आपने सातवीं प्रतिमा श्री १०८ आचार्य शान्तिसागरजी से ले ली थी। फिर वि० सं० २००० में क्षुल्लिका दीक्षा सिद्धक्षेत्र सिद्धवरकूट में ली थी। श्री १०८ आचार्य वीरसागरजी से नागौर में विक्रम संवत २००६ में आर्यिका दीक्षा ली थी। आपने विक्रम संवत २०२५ में प्रतापगढ़ में समाधिमरण प्राप्त किया था।
Aryika Shri 105 Siddhamati Mata ji was born in Delhi.Her name was Satobai before diksha.She received the initiation from Acharya Shri 108 Shanti Sagar Ji Maharaj.