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#VigyanmatiMataji1963VivekSagarJiMaharaj
राजस्थान प्रान्त के झीलों की नगरी उदयपुर के निकटवर्ती ग्राम भीण्डर में श्रीमान् बालूलाल जी की धर्मपत्नि श्रीमती कमलाबाई की कुक्षि से कुंवार शुक्ला पंचमी सन् 1963 को कन्यारत्न के रूप में जन्मी लीला, जिन्हें आज सारा जग आर्यिका श्री विज्ञानमती माताजी के नाम से जानता है। बचपन में आचार्य शिवसागर जी महाराज से संस्कारित हो मन जिनेन्द्र भगवान के प्रति अगाढ़ श्रद्धा लिये हुए हाईस्कूल तक लौकिक पढ़ाई करते हुए भी लीला धार्मिक अध्ययन के प्रति विशेष जागरूक रही। समयानुसार 18 वर्ष में वैवाहिक जीवन को मजबूरी से स्वीकार किया।
आर्यिका श्री १०५ विज्ञानमती माताजी
पूर्वनाम: लीला
पिता का नाम: श्री बालूलाल जी
माता का नाम: श्रीमती कमला जी
जन्मतिथि: मिति आश्विन शुक्ला पंचमी, सन् 1963
जन्मस्थान: भीण्डर (उदयपुर-राजस्थान)
लौकिक शिक्षा: हाईस्कूल
विवाह: भीण्डर में ही, 18 वर्ष की आयु में, सन् 1981
गृहत्याग: परिणय के 18 माह बाद
प्रतिमाधारण: अलोध में 5 प्रतिमा, कुचामन में 9 प्रतिमा के व्रत
आर्यिका दीक्षा तिथी: 2 फरवरी 1985
आर्यिका दीक्षा स्थल: कूकनवाली (कुचामनसिटी, राजस्थान)
आर्यिका दीक्षा गुरु: परम पूज्य आचार्यकल्प श्री १०८ विवेकसागर जी महाराज
रुचियाँ: स्वाध्याय, तप-त्याग, चिन्तन-मनन, लेखन
विशिष्टता: मधुर, गम्भीर पौराणिक शैली में प्रवचन
दीक्षित शिष्याएँ: आर्यिका श्रीवृषभमती, आदित्यमती, पवित्रमती, गरिमामती, सम्भवमती, वरदमती, शरदमती, चरणमती, करणमती, शरणमती।
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Aadarsh bukhariya (jatara) 9893979412, Divynashu jain(Chhatarpur) 8871000113
Shrajan jain (Mahroni) 8887630391, Aman jain (Ghatol) 8112299765
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आर्यिका श्री १०५ विज्ञानमती माताजी
Aadarsh bukhariya (jatara) 9893979412,
Divynashu Jain (Chhatarpur) 8871000113
Shrajan jain (Mahroni) 8887630391,
Aman jain (Ghatol) 8112299765
Acharya Shri 108 Vivek Sagar Ji Maharaj 1913
आचार्य श्री १०८ विवेक सागरजी महाराज १९७२ Acharya Shri 108 Vivek Sagarji Maharaj 1972
2023 इंदौर
2012 भीण्डर।
2011 किशनगढ़
2010 रावतभाटा
2009 बामौरकलां
2008 तेंदूखेड़ा
2007 घुवारा
2006 श्रीरामपुर
2005 पांडिचेरी
2004 करमाला
2003 मालथौन
2002 आरौन
2001 सम्मेदशिखर
2000 केसली
1999 आष्टा
1998 नसीराबाद
1997 नसीराबाद
1996 केकड़ी
1995 बिजौलिया
1994 नीमच
1993 हरदा
1992 कटंगी
1991रहली
1990 शाहपुर
1989 रामगंजमण्डी
1988 सिंगोली
1987 अजमेर
1986 मदनगंज-किशनगढ़
1985 गुरुदेव के साथ मारोठ
श्री राजेश पंचोलिया जी ने 29/10/2022 को माताजी की महत्वपूर्ण जानकारी का योगदान दिया
VivekSagarJiMaharaj1972SumatiSagarJi
राजस्थान प्रान्त के झीलों की नगरी उदयपुर के निकटवर्ती ग्राम भीण्डर में श्रीमान् बालूलाल जी की धर्मपत्नि श्रीमती कमलाबाई की कुक्षि से कुंवार शुक्ला पंचमी सन् 1963 को कन्यारत्न के रूप में जन्मी लीला, जिन्हें आज सारा जग आर्यिका श्री विज्ञानमती माताजी के नाम से जानता है। बचपन में आचार्य शिवसागर जी महाराज से संस्कारित हो मन जिनेन्द्र भगवान के प्रति अगाढ़ श्रद्धा लिये हुए हाईस्कूल तक लौकिक पढ़ाई करते हुए भी लीला धार्मिक अध्ययन के प्रति विशेष जागरूक रही। समयानुसार 18 वर्ष में वैवाहिक जीवन को मजबूरी से स्वीकार किया।
Aryika Shri 105 Vigyanmati Mataji
Former name: Leela
Father's Name: Shri Balulal Ji
Mother's Name: Smt. Kamala Ji
Date of Birth: Miti Ashwin Shukla Panchami, 1963
Birthplace: Bhinder (Udaipur-Rajasthan)
Education: High School
Marriage: In Bhinder itself, at the age of 18, 1981
Gruh Tyag: 18 months after Marriage
Pratima Vrat: 5 Pratima in Alodh, 9 Pratima in Kuchaman
Aryika Diksha Date: 2 February 1985
Aryika Diksha Place: Kukanwali (Kuchmancity, Rajasthan)
Aryika Diksha Guru: Param Pujya Acharyakalp Shri 108 Viveksagar Ji Maharaj
Interests: Self-study, renunciation, meditation, writing
Characteristic: Discourses in a sweet, solemn mythological style
Initiated disciples: Aryika Sri Vrishabhmati, Adityamati, Pavitramati, Garimamati, Sambhavmati, Varadamati, Sharadmati, Charanmati, Karanmati, Sharanmati.
In only 18 months, while leaving the bond of marriage, she was introverted and got the blessings of Guruvar Acharyakalp Shri Viveksagar Ji Maharaj and went on the path of liberation with excellent spirit of achieving the pancham gati. On 2 February 1985, she received the post of Aryika in Kukanwali Rajasthan from Guruvar Acharyakalp Vivekasagar Ji Maharaj. Since then, she should be abiding in self-welfare and made yourself the definition of cultivation, self-control and creation.
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आचार्य श्री १०८ विवेक सागरजी महाराज १९७२ Acharya Shri 108 Vivek Sagarji Maharaj 1972
Aadarsh bukhariya (jatara) 9893979412,
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आचार्य श्री १०८ विवेक सागरजी महाराज १९७२ Acharya Shri 108 Vivek Sagarji Maharaj 1972
Acharya Shri 108 Vivek Sagar Ji Maharaj 1913
2023 इंदौर
2012 भीण्डर।
2011 किशनगढ़
2010 रावतभाटा
2009 बामौरकलां
2008 तेंदूखेड़ा
2007 घुवारा
2006 श्रीरामपुर
2005 पांडिचेरी
2004 करमाला
2003 मालथौन
2002 आरौन
2001 सम्मेदशिखर
2000 केसली
1999 आष्टा
1998 नसीराबाद
1997 नसीराबाद
1996 केकड़ी
1995 बिजौलिया
1994 नीमच
1993 हरदा
1992 कटंगी
1991रहली
1990 शाहपुर
1989 रामगंजमण्डी
1988 सिंगोली
1987 अजमेर
1986 मदनगंज-किशनगढ़
1985 गुरुदेव के साथ मारोठ
Aacharya Shri 108 Vidhya sagar Ji Maharaj
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VivekSagarJiMaharaj1972SumatiSagarJi
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