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#BalacharyaShriSuratnJiMaharaj1986SaubhagyaSagarJi
Balacharya Shri 108 Suratnji Maharaj was born on 26 September 1986 in Firozabad,Uttar Pradesh.His name was Mukul Ji before diksha.He received initiation from Acharya Shri 108 Saubhagya Sagar Ji Maharaj.
बीसवीं-इक्कीसवीं शताब्दी में श्री दिगम्बर जैन श्रमण संस्कृति के कुछ विलक्षण प्रमाणों में से एक हैं गृहस्थ पिताश्री राकेशकुमारजी-दीक्षा लेकर बने आचार्यश्री सौभाग्यसागरजी महाराज द्वारा उनके गृहस्थ पुत्र मुकुलजी को मुनि दीक्षा देकर मुनिश्री सुरत्नसागरजी महाराज का तपस्वी नाम प्रदान करना। इक्कीसवीं शताब्दी के लगभग दो दशकों में इन आचार्यश्री-बालाचार्यश्री ने असाधारण धर्मप्रभावना की है। उनके पावन सान्निध्य में अनेक आयोजन संपन्न हुए हैं : कुछ प्रसंग है : 15 अप्रैल 2006 को त्रिमूर्ति कूट (टिकटोली दूमदार, मुरैना - (मध्य प्रदेश) में जीर्णोद्धार के लिए शिलान्यास । यहां पहाड़ों का त्रिशंकु आकार का एक क्षेत्र है, जिसमें ग्यारहवीं शताब्दी का एक जैन मंदिर पहाड़ की कोख में स्थित है। शिलान्यास कार्यक्रम के समय सूखी बावड़ी से मीठे पानी की एक जलधारा फूट पड़ी थी। श्रीवल्लभपुर-बरही के चातुर्मास में हर रविवार को भक्तामर विधान हुआ। . 8 मार्च 2010 को कुलैथ (म.प्र.) में तीन चतुर्मुखी जिनबिम्ब नदी से निकाले गए।अनेक विधानों का आयोजन भिन्न-भिन्न स्थलों में किया गया, शोभायात्रा निकली। साहित्य : बालाचार्यश्री सुरत्नसागरजी महाराज के विविध योगदानों में से एक अनमोल योगदान है - उनके द्वारा पंडित प्रवर आशाधर विरचित रोग-शोक-भय निवारक, मुक्तिप्रदायक श्री महामृत्युंजय महामंडल विधान का संकलन।
Father -Rakesh Ji Jain After Diksha -Acharya Saubhagya Sagar Ji Maharaj
#BalacharyaShriSuratnJiMaharaj1986SaubhagyaSagarJi
बालाचार्य श्री १०८ सुरत्नजी महाराज
Acharya Shri 108 Saubhagya Sagar Ji Maharaj 1965
आचार्य श्री १०८ सौभाग्य सागरजी महाराज १९६५ Acharya Shri 108 Saubhagya Sagarji Maharaj 1965
Etawah (2001), Marsalganj, Etawah, Agra, Jaitpur, Atishaykshetra Shri Vallabhpur-Barhi, Shoripur Bateshwar (2007), Ichalkaranji (2010), Indore, Shivpuri, Bhind, Agra, Gandhinagar-Delhi, Krishnanagar-Delhi, Radhepuri-Delhi (2017)
SaubhagyaSagarJiMaharaj1965SanmatiSagarJi
Balacharya Shri 108 Suratnji Maharaj was born on 26 September 1986 in Firozabad,Uttar Pradesh.His name was Mukul Ji before diksha.He received initiation from Acharya Shri 108 Saubhagya Sagar Ji Maharaj.
Father -Rakesh Ji Jain After Diksha -Acharya Saubhagya Sagar Ji Maharaj
Balacharya Shri 108 Suratnji Maharaj
आचार्य श्री १०८ सौभाग्य सागरजी महाराज १९६५ Acharya Shri 108 Saubhagya Sagarji Maharaj 1965
आचार्य श्री १०८ सौभाग्य सागरजी महाराज १९६५ Acharya Shri 108 Saubhagya Sagarji Maharaj 1965
Acharya Shri 108 Saubhagya Sagar Ji Maharaj 1965
Etawah (2001), Marsalganj, Etawah, Agra, Jaitpur, Atishaykshetra Shri Vallabhpur-Barhi, Shoripur Bateshwar (2007), Ichalkaranji (2010), Indore, Shivpuri, Bhind, Agra, Gandhinagar-Delhi, Krishnanagar-Delhi, Radhepuri-Delhi (2017)
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SaubhagyaSagarJiMaharaj1965SanmatiSagarJi
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