हैशटैग
#ElacharyaShriArunsenJiMaharaj1944SubalSagarJi
Elacharya Shri 108 Arunsenji Maharaj was born on 8 January 1944 in Village Terdal,Dist-Bagalkot,Karnataka.His name was Lakhappa Ji before diksha.He received initiation from Acharya Shri 108 Subal Sagar Ji Maharaj.
मुनिश्री/ऐलाचार्यश्री की प्रेरणा से/सान्निध्य में आयोजित मंदिर, निर्याण, जीर्णोद्धार तथा प्रतिष्ठा महोत्सव , उगार में मंदिर और शिखर का निर्माण . बेडकीहाल क्रॉस मंदिर, शिखर, मानस्तंभ, पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव, गांव में मंदिर का जीर्णोद्धार और प्रवचन मंडप का निर्माण
इदरगुच्ची में मंदिर का जीर्णोद्धार, शिखर, मानस्तंभ, प्रवचन मंडप का निर्माण - चिक्कोडी में मानस्तंभ, पवंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव * भोज में गांव के मंदिर में सहनफणी पार्श्वनाथ प्रतिष्ठा महोत्सव, शांतिसागर स्मारक में पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव * महेश वाडगी में मंदिर का जीर्णोद्धार और मानस्तंभ निर्माण * वसर्गी में मंदिर शिखर, मानस्तंभ निर्माण की प्रेरणा * हलकर्णी, बेडकी हाल, भोज में द्वादशवर्षीय पूजा का शुभारंभ * शांतिगिरि में भगवान मुनिसुव्रतनाथ प्रतिष्ठा महोत्सव , बामणी में मंदिर जीर्णोद्धार , राजापुर में मंदिर, शिखर, मानस्तंभ और प्रवचन मंडप का निर्माण * कोगनोली में मंदिर, शिखर, मानस्तंभ और प्रवचन मंडप का निर्माण * मलकिवाड में मंदिर, शिखर, मानस्तंभ और प्रवचन मंडप का निर्माण * चिंचणी में मंदिर का जीर्णोद्धार * मुत्तुर में मानस्तंभ का निर्माण * कुंभोज बाहुबली में मानस्तंभ का निर्माण * चिंचवाड में मानस्तंभ का निर्माण समाधि : ऐलाचार्यश्री अरुणसेजनी महाराज की समाधि खिद्रापुर, जिला-कोल्हापुर (महाराष्ट्र) में 10 अगस्त 2015 को हो गई है।
साहित्य-भक्तामर, श्री भक्तामर वृत्रीसर, समुच्च्य, भक्तामर विधान, दशलक्षण आण शोडनकारण, जिनागम के प्राचीन प्रमाण, छहढाला शास्त्र, शांतिनाथ विधान, मूलाचार प्रदीप, अरुणवाणी
#ElacharyaShriArunsenJiMaharaj1944SubalSagarJi
एलाचार्य श्री १०८ अरुणसेनजी महाराज
Acharya Shri 108 Subal Sagar Ji Maharaj 1976
आचार्य श्री १०८ सुबल सागरजी महाराज १९७६ Acharya Shri 108 Subal Sagarji Maharaj 1976
Shedwal (2002), Shedwal, Bedkihal (Three), Shedwal, Bedkihal, Manjari, Shedwal, Shantigiri, Bade, Akiwat, Ekwat (2015)
SubalSagarJiMaharaj1976AcharyaSriSanmatiSagarJi
Elacharya Shri 108 Arunsenji Maharaj was born on 8 January 1944 in Village Terdal,Dist-Bagalkot,Karnataka.His name was Lakhappa Ji before diksha.He received initiation from Acharya Shri 108 Subal Sagar Ji Maharaj.
साहित्य-भक्तामर, श्री भक्तामर वृत्रीसर, समुच्च्य, भक्तामर विधान, दशलक्षण आण शोडनकारण, जिनागम के प्राचीन प्रमाण, छहढाला शास्त्र, शांतिनाथ विधान, मूलाचार प्रदीप, अरुणवाणी
Elacharya Shri 108 Arunsenji Maharaj
आचार्य श्री १०८ सुबल सागरजी महाराज १९७६ Acharya Shri 108 Subal Sagarji Maharaj 1976
आचार्य श्री १०८ सुबल सागरजी महाराज १९७६ Acharya Shri 108 Subal Sagarji Maharaj 1976
Acharya Shri 108 Subal Sagar Ji Maharaj 1976
Shedwal (2002), Shedwal, Bedkihal (Three), Shedwal, Bedkihal, Manjari, Shedwal, Shantigiri, Bade, Akiwat, Ekwat (2015)
#ElacharyaShriArunsenJiMaharaj1944SubalSagarJi
SubalSagarJiMaharaj1976AcharyaSriSanmatiSagarJi
#ElacharyaShriArunsenJiMaharaj1944SubalSagarJi
ElacharyaShriArunsenJiMaharaj1944SubalSagarJi
You cannot copy content of this page