On the Kalyanak Bhumi of Lord Sambhavnath ji, Muni Shri Adol Sagar ji got best samadhi maran being with Guru Sangha.
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कुशल निर्यापकत्व में पूज्य मुनि श्री अडोलसागर जी का भगवान सम्भवनाथ जी की कल्याणक भूमि श्रावास्ति में आज दिनांक 24 अगस्त प्रातः शुभवेला में उत्तम समाधि मरण हुआ।
मुनि श्री अडोल सागर जी मध्यप्रदेश भिंड नगर के गौरव थे वे अपने साधक जीवन से पूर्व वैद्यराज जय कुमार के नाम से समस्त आचार्य संघो में विख्यात थे। जो अपनी आयुर्वेदिक योग्यता से देशभर के साधुओं को सेवा प्रदान करते थे।
युगश्रेष्ठ आचार्य शिरोमणि तपस्वी सम्राट के अंतिम दीक्षित व अनूठी तपोसाधना के धनी आचार्य श्री सुबलसागर जी गुरुराज के संघस्थ सुशिष्य क्षपक मुनि श्री अडोल सागर जी गुरुदेव जो सल्लेखना की महान साधना पर आरूढ़ थे। संघ नायक निर्यापक आचार्य श्री सुबलसागर जी गुरुराज स्वयं 7 मुनि भगवन्त सहित निरन्तर क्षपक मुनिराज को सम्बोधन,सेवा-वैयावृत्ति में तत्पर रहे।
धन्य है आचार्य श्री सुबलसागर जी गुरुदेव जिन्होंने एक वर्ष पूर्व वैद्यराज जयकुमार जी को दीक्षा देकर संयम पथ अग्रसर किया व यम सल्लेखना-नियम सल्लेखना पूर्वक उत्कृष्ट समाधि तक कि कुशल यात्रा करवाई।
जिनके कुशल निर्यापकत्व में पूज्य मुनि श्री अडोलसागर जी का भगवान सम्भवनाथ जी की कल्याणक भूमि श्रावास्ति में आज दिनांक 24 अगस्त प्रातः शुभवेला में उत्तम समाधि मरण हुआ।
On the Kalyanak Bhumi of Lord Sambhavnath ji, Muni Shri Adol Sagar ji got best samadhi maran being with Guru Sangha.
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कुशल निर्यापकत्व में पूज्य मुनि श्री अडोलसागर जी का भगवान सम्भवनाथ जी की कल्याणक भूमि श्रावास्ति में आज दिनांक 24 अगस्त प्रातः शुभवेला में उत्तम समाधि मरण हुआ।
मुनि श्री अडोल सागर जी मध्यप्रदेश भिंड नगर के गौरव थे वे अपने साधक जीवन से पूर्व वैद्यराज जय कुमार के नाम से समस्त आचार्य संघो में विख्यात थे। जो अपनी आयुर्वेदिक योग्यता से देशभर के साधुओं को सेवा प्रदान करते थे।
युगश्रेष्ठ आचार्य शिरोमणि तपस्वी सम्राट के अंतिम दीक्षित व अनूठी तपोसाधना के धनी आचार्य श्री सुबलसागर जी गुरुराज के संघस्थ सुशिष्य क्षपक मुनि श्री अडोल सागर जी गुरुदेव जो सल्लेखना की महान साधना पर आरूढ़ थे। संघ नायक निर्यापक आचार्य श्री सुबलसागर जी गुरुराज स्वयं 7 मुनि भगवन्त सहित निरन्तर क्षपक मुनिराज को सम्बोधन,सेवा-वैयावृत्ति में तत्पर रहे।
धन्य है आचार्य श्री सुबलसागर जी गुरुदेव जिन्होंने एक वर्ष पूर्व वैद्यराज जयकुमार जी को दीक्षा देकर संयम पथ अग्रसर किया व यम सल्लेखना-नियम सल्लेखना पूर्वक उत्कृष्ट समाधि तक कि कुशल यात्रा करवाई।
जिनके कुशल निर्यापकत्व में पूज्य मुनि श्री अडोलसागर जी का भगवान सम्भवनाथ जी की कल्याणक भूमि श्रावास्ति में आज दिनांक 24 अगस्त प्रातः शुभवेला में उत्तम समाधि मरण हुआ।