हैशटैग
#GunsagarJiMaharaj1942VardhmansagarJi1951
Muni Shri 108 Gunsagr Ji Maharaj is born on 4th January 1942 at Guna (M.P.). His Father's name is Laximichandaji Jain. His Mother's name is Matigajaribai Laximichandaji Jain. He is Higher educated. He educated in B.A.LLB. He work at Main State Bank. He took 8th Pratima from Acharya Shri 108 Vidyasagar Maharaj Ji . He took Muni Diksha on 30th May 2019 from Acharya Shri 108 Vardhamansagar Ji Maharaj (1951) at Kavathesar, Kolhapur, Maharashtra.
108 मुनि श्री गुण सागर जी महाराज का जन्म महाराष्ट्र राज्य के बीड जिले में उमापूर ग्राम में श्रीमान श्री चंपालाल जी पाटनी गोत्र जाती खंडेलवाल की धर्मपत्नी माता श्रीमती कस्तूरी बाई की कुक्षी से संवत 1996 में हुआ
आपका जन्म नाम श्री राजमल था आपके और भी तीन बड़े भ्राता श्री उत्तम चंद जी श्री गुलाब चंद जी एवं श्री पूनम चंद जी के थे
आप स्वर्गीय द्वितीय पट्टा धीश आचार्य श्री शिव सागर जी महाराज के भांजे थे जैसे मामा ने आत्म कल्याण का मार्ग ढूंढा आप भी उसी मार्ग के राही हुए
आचार्य श्री शिव सागर जी की सतत प्रेरणा से आप बचपन से ही संघ में रहने लगे आप पर आचार्य श्री की पूर्ण कृपा थी संवत 2029 में श्री राजमल जी ने दूसरी प्रतिमा के व्रत लिए धीरे-धीरे आगे बढ़ते सप्तम प्रतिमा के व्रत धारण कर आप बाल ब्रह्मचारी रहे
संवत 2025 में श्री शांति वीर नगर श्री महावीर जी मे कार्तिक सुदी 8 अष्टमी पंचकल्याणक प्रतिष्ठा में 6 मुनि 2 आर्यिका 2 क्षुल्लक तथा 1 क्षुल्लिका दीक्षाएं हुई आपने नवीन आचार्य श्री धर्म सागर जी से क्षुल्लक दीक्षा ग्रहण की आपका नाम क्षुल्लक श्री गुण सागर रखा गया
भगवान महावीर स्वामी के 25 00वे निर्वाण महोत्सव के शुभ अवसर पर संघ का भारत की महान नगरी दिल्ली में प्रवेश हुआ
आपने वहां आचार्य श्री धर्म सागर जी से मार्गशीर्ष वदी 10 दशमी भगवान महावीर के तप कल्याणक को 8 दीक्षाएं हुई तब आपने मुनि दीक्षा ग्रहण की और आपका नाम मुनि गुण सागर जी रखा गया
जैसा नाम वैसा गुण आप में नजर आता है
आपने साधु जीवन काल मे आचार्य कल्प श्री श्रुत सागर जी की गृहस्थ अवस्था की पत्नी एवम आर्यिका श्री श्रुत मति जी की गृहस्थ अवस्था की माताजी को आर्यिका दीक्षा दी
8 जनवरी 2011 पोष शुक्ला 4 चतुर्थी को आप की समाधि ग्राम चकवाडा तहसील फागी जिला जयपुर में हुई
वहाँ पर भक्तों द्वारा पंचम पट्टा धीश आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज एवं परम पूज्य प्रशांत मूर्ति आगम रक्षिका समाधिस्थि आर्यिका रत्न आदिमति माताजी ससंघ के पावन सानिध्य में सन 2016 फरवरी में श्री शांतिनाथ जिनेंद्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अवसर पर विशाल अष्टकोण जिनमंदिर चरण छत्री का निर्माण कर प्रतिमा एवम चरण स्थापित किये गए है
समाधि स्थली पर प्रतिवर्ष समाधि दिवस के दिन विशाल मेला बढ़ता है जिसमें शांति विधान भगवान शांतिनाथ का भव्य पंचामृत अभिषेक एवं मुनि श्री गुण सागर जी महाराज की चरण छत्री पर अष्टद्रव्य से पूजन अर्चन किया जाता है
Satish Bhaiyya (Kupwad)
#GunsagarJiMaharaj1942VardhmansagarJi1951
Satish Bhaiyya (Kupwad)
मुनि श्री १०८ गुणसागरजी महाराज
Acharya Shri 108 Vardhaman Sagar Ji Maharaj 1951 (Dakshin)
आचार्य श्री १०८ वर्धमान सागरजी महाराज १९५१ (दक्षिण) Acharya Shri 108 Vardhaman Sagar Ji Maharaj 1951 (Dakshin)
Kasabe Digraj, Maharashtra:- 2019
Nutan Chougule created Digjainwiki Hindi page for Maharaj Ji on 11th June 2021
Nutan Chougule created Digjainwiki page for Maharaj Ji on 11th June 2021
VardhamanSagarJiMaharaj1951(Dakshin)SanmatiSagarJi1927
Muni Shri 108 Gunsagr Ji Maharaj is born on 4th January 1942 at Guna (M.P.). His Father's name is Laximichandaji Jain. His Mother's name is Matigajaribai Laximichandaji Jain. He is Higher educated. He educated in B.A.LLB. He work at Main State Bank. He took 8th Pratima from Acharya Shri 108 Vidyasagar Maharaj Ji . He took Muni Diksha on 30th May 2019 from Acharya Shri 108 Vardhamansagar Ji Maharaj (1951) at Kavathesar, Kolhapur, Maharashtra.
Satish Bhaiyya (Kupwad)
Muni Shri 108 Gunsagarji Maharaj
आचार्य श्री १०८ वर्धमान सागरजी महाराज १९५१ (दक्षिण) Acharya Shri 108 Vardhaman Sagar Ji Maharaj 1951 (Dakshin)
आचार्य श्री १०८ वर्धमान सागरजी महाराज १९५१ (दक्षिण) Acharya Shri 108 Vardhaman Sagar Ji Maharaj 1951 (Dakshin)
Acharya Shri 108 Vardhaman Sagar Ji Maharaj 1951 (Dakshin)
Kasabe Digraj, Maharashtra:- 2019
Nutan Chougule created Digjainwiki page for Maharaj Ji on 11th June 2021
#GunsagarJiMaharaj1942VardhmansagarJi1951
VardhamanSagarJiMaharaj1951(Dakshin)SanmatiSagarJi1927
VardhamanSagarJiMaharaj1951(Dakshin)SanmatiSagarJi1927
500
#GunsagarJiMaharaj1942VardhmansagarJi1951
GunsagarJiMaharaj1942VardhmansagarJi1951
You cannot copy content of this page