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आर्हत-वंदना

Author: Pandit Jugal Kishore Yugal
Language : Hindi
Rhythm: –

Type: Arhat Vandana
Particulars: Paath
Created By: Shashank Shaha

तुम चिरंतन, मैं लघुक्षण
लक्ष वंदन, कोटी वंदन ॥

जागरण तुम, मैं सुषुप्ति
दिव्यतम आलोक हो प्रभु,
मैं तमिस्रा हूँ अमा की,
क्षीण अन्तर, क्षीण तन-मन ॥लक्ष…॥

शोध तुम, प्रतिशोध रे ! मैं
क्षुद्र-बिन्दु विराट हो तुम,
अज्ञ मैं पामर अधमतम
सर्व जग के विज्ञ हो तुम,
देव ! मैं विक्षिप्त उन्मन ॥लक्ष…॥

चेतना के एक शाश्वत
मधु मंदिर उच्छ्वास ही हो
पूर्ण हो, पर अज्ञ को तो
एक लघु प्रतिभास ही हो
दिव्य कांचन, मैं अकिंचन ॥लक्ष…॥

व्याधि मैं, उपचार अनुपम
नाश मैं, अविनाश हो रे !
पार तुम, मँझधार हूँ मैं
नाव मैं, पतवार हो रे !
मैं समय, तुम सार अर्हन् ! ॥लक्ष…॥

Shashank Shaha added more details to update on 9 November 2024.

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