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Bhagwan Mahaveer Chalisa

भगवान-महावीर-चालीसा

Author: Pandit Jugal Kishore
Language : Hindi
Rhythm: –

Type: Bhagwan Mahaveer Chalisa
Particulars: Chalisa
Created By: Shashank Shaha

॥ दोहा ॥

शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन करू प्रणाम
उपाध्याय आचार्य का ले सुखकारी नाम ॥१॥

सर्व साधू और सरस्वती, जिनमन्दिर सुखकार
महावीर भगवान् को मन मंदिर में धार ॥२॥

śīśa navā arihanta kō, sid’dhana karūm̐ praṇāma.
Upādhyāya ācārya kā lē sukhakārī nāma..
Sarva sādhu aura sarasvatī jinamandira sukhakāra.
Ādinātha bhagavān kō mana-mandira mēṁ dhāra..

Couplet:
Shri Mahavir Swami, you are the abode of religion.
Always propagating the knowledge of peace, non-violence.

अन्वयार्थ: मैं अरिहंत जी के सामने अपना सिर झुका कर उन्हें प्रणाम करता हूँ जो कि सिद्धि प्राप्त हैं। इसके साथ ही मैं आचार्य अर्थात गुरु का नाम लेता हूँ जो मन को सुख देने वाले हैं। मैं सभी साधुओं व सरस्वती माता का भी ध्यान करता हूँ और भगवान महावीर से प्रार्थना करता हूँ कि वे मेरे मन में वास करें।

॥ चौपाई ॥

जय महावीर दयालु स्वामी, वीर प्रभु तुम जग में नामी
वर्धमान हैं नाम तुम्हारा, लगे हृदय को प्यारा प्यारा ॥३॥

शांत छवि मन मोहिनी मूरत, शांत हंसिली सोहिनी सूरत
तुमने वेश दिगंबर धारा, करम शत्रु भी तुमसे हारा ॥४॥

jaya mahāvīra dayālu svāmī, vīra prabhu tuma jaga mēṁ nāmī..
Vardhamāna hai nāma tumhārā, lagē hr̥daya kō pyārā pyārā..
Śānta-chavi aura mōhanī mūrata, śānta ham̐sīlī sōhanī sūrata..
Tumanē vēṣa digambara dhārā, karma śatru bhī tuma sē hārā..

Hail Mahavir, you are a great warrior,
Tirthankar, you have spread your glory in the world.
In life, you followed the truth,
He led the world on the path of non-violence.

अन्वयार्थ: हे भगवान महावीर स्वामी जी!! आपकी जय हो। आप शक्तिशाली व इस जगत के स्वामी हो। आपके बचपन का नाम वर्धमान है जो हमें बहुत ही प्यारा लगता है। आपका रूप बहुत ही शांत व मन को मोह लेने वाला है। आपके मुख पर धीमी हंसी है जो बहुत ही सुन्दर लग रही है। आपने दिगम्बर का रूप धारण किया और कर्म नामक शत्रु भी आपके सामने हार मान बैठा।

क्रोध मान वा लोभ भगाया माया ने तुमसे डर खाया
तू सर्वज्ञ सर्व का ज्ञाता, तुझको दुनिया से क्या नाता ॥५॥

तुझमे नहीं राग वा द्वेष, वीतराग तू हित उपदेश
तेरा नाम जगत में सच्चा, जिसको जाने बच्चा बच्चा ॥६॥

Krōdha māna aura lōbha bhagāyā, māyā-mōha tumasē ḍara khāyā..
Tū sarvajña sarva kā jñātā, tujhakō duniyā sē kyā nātā..
Tujhamēṁ nahīṁ rāga aura dvēṣā, vītarāga tū hitōpadēśā..
Tērā nāma jagata mēṁ saccā, jisakō jānē baccā-baccā..

There is an ocean of knowledge in your speech.
By reading which, the whole world becomes awakened.
You made the stream of religion flow,
The garden of life, always green.

अन्वयार्थ: आपने अपनी शक्ति से क्रोध, लालसा व लालच को अपने मन से दूर कर दिया व इस विश्व की माया में आपका मन नहीं लगा। आप तो इस ब्रह्माण्ड को जानने वाले हो, ऐसे में आपको इस दुनिया से क्या ही लेना देना। आपमें किसी भी प्रकार की आसक्ति व ईर्ष्या की भावना नहीं है और आप सभी की भलाई के ही उपदेश देते हैं। आपका ही नाम इस जगत में सबसे सच्चा है जिसे हर कोई जानता है। धारण किया और कर्म नामक शत्रु भी आपके सामने हार मान बैठा।

भुत प्रेत तुमसे भय खावे, व्यंतर राक्षस सब भाग जावे
महा व्याधि मारी न सतावे, अतिविकराल काल डर खावे ॥७॥

काला नाग होय फन धारी, या हो शेर भयंकर भारी
ना ही कोई बचाने वाला, स्वामी तुम ही करो प्रतिपाला ॥८॥

Bhūta prēta tuma sē bhaya khāvēṁ, vyantara-rākṣasa saba bhaga jāvēṁ..
Mahā vyādha mārī na satāvē, mahā vikarāla kāla ḍara khāvēṁ..
Kālā nāga hōya phana dhārī, yā hō śēra bhayaṅkara bhārī..
Na hō kōi bacānē vālā, svāmī tumhīṁ karō pratipālā..

You are the epitome of peace and restraint,
You are a part of the lives of the suffering people.
You have awakened the glory of penance,
I kept distance from the disorders of the mind

अन्वयार्थ: आपसे तो भूत-प्रेत भी डरते हैं और आपका नाम सुन कर व्यंतर राक्षस भी भाग जाते हैं। आपके भक्तों को किसी तरह का संकट नहीं सताता है और काल भी आपके नाम से भय खाता है। चाहे फिर कोई काला फनधारी नाग हो या भयंकर शेर हो, आप ही हमारी उन सभी से रक्षा करते हैं।

अग्नि दावानल सुलग रही हो, तेज हवा से भड़क रही हो
नाम तुम्हारा सब दुख खोवे, आग एकदम ठंडी होवे ॥९॥

हिंसामय था भारत सारा, तब तुमने लीना अवतारा
जन्म लिया कुंडलपुर नगरी, हुई सुखी तब जनता सगरी ॥१०॥

Agani davānala sulaga rahī hō, tēja havā sē bhaṛaka rahī hō..
Nāma tumhārā saba dukha khōvē, āga ēkadama ṭhaṇḍī hōvē..
Hinsāmaya thā jaga vistārā, taba tumanē kīnā nistārā..
Janma liyā kuṇḍalapura nagarī, hui sukhī taba prajā sagarī..

Mahavir you are the incarnation of compassion,
Without you, life is darkness.
You lit the lamp of knowledge,
The message of love was conveyed to every heart.

अन्वयार्थ: जो अग्नि तेज हवा के कारण और भड़क जाती है और सब कुछ जलाकर नष्ट कर देती है, वह केवल आपके नाम लेने मात्र से ही ठंडी हो जाती है। एक समय में पूरे भारतवर्ष में बहुत हिंसा फैल गयी थी और सब जगह मार-काट मची हुई थी। तब आपने कुण्डलपुर नगरी में जन्म लेकर भारतवासियों का उद्धार कर दिया था।

सिद्धार्थ जी पिता तुम्हारे, त्रिशाला की आँखों के तारे
छोड़ के सब झंझट संसारी, स्वामी हुए बाल ब्रम्हाचारी ॥११॥

पंचम काल महा दुखदायी, चांदनपुर महिमा दिखलाई
टीले में अतिशय दिखलाया, एक गाय का दुध झराया ॥१२॥

Sid’dhāratha jī pitā tumhārē, triśalā kē ām̐khōṁ kē tārē..
Chōṛa sabhī jhan̄jhaṭa sansārī, svāmī hu’ē bāla brahmacārī..
Pan̄cama kāla mahā dukhadāi, cām̐danapura mahimā dikhalāi..
Ṭīlē mēṁ atiśaya dikhalāyā, ēka gāya kā dūdha girāyā.

Gave a lesson of penance and sacrifice,
I had love and rights towards every living being.
Showed the path of restraint and Sadhana,
You took the boat of life across.

अन्वयार्थ: आपके माता-पिता का नाम त्रिशला व सिद्धार्थ है किन्तु आपने पारिवारिक व सांसारिक माया बंधनों का त्याग कर ब्रह्मचारी का वेश धारण कर लिया था। पंचम काल बहुत ही दुःख देने वाला था किन्तु चंदनपुर में आपने अपनी शक्ति दिखायी। आपने रेत के टीलों में भी अपनी शक्ति दिखा कर गाय का दूध गिरा दिया।

सोच हुआ मन में ग्वाले के, पंहुचा एक फावड़ा लेके
सारा टीला खोद गिराया, तब तुमने दर्शन दिखलाया ॥१३॥

जोधराज को दुख ने घेरा, उसने नाम जपा जब तेरा
ठंडा हुआ तोप का गोला, तब सब ने जयकारा बोला ॥१४॥

Sōca hu’ā mana mēṁ gvālē kē, pahum̐cā ēka phāvaṛā lēkē..
Sārā ṭīlā khōda girāyā, taba tumanē darśana dikhalāyā..
Jōdharāja kō dukha nē ghērā, usanē nāma japā taba tērā..
Ṭhaṇḍā hu’ā tōpa kā gōlā, taba sabanē jayakārā bōlā..

Mahavir, I get inspiration from you.
You are the true heritage of this era.
By your grace, ignorance is dispelled,
Happiness, peace and respect come in life.

अन्वयार्थ: यह देख कर ग्वाला भागा-भागा अपना फावड़ा लेकर आया और उस जगह को खोद डाला। तब आपने उसे दर्शन दिए। जोधराज जी के जीवन में बहुत दुःख था और तब उसने आपका नाम जपा। उसकी नगरी पर जो आक्रमण हो रहा था, वह आपका नाम लेने से ही शांत हो गया और सब जगह आपकी ही जय-जयकार होने लगी।

मंत्री ने मंदिर बनवाया, राजा ने भी दरब लगाया
बड़ी धर्मशाला बनवाई, तुमको लाने की ठहराई ॥१५॥

तुमने तोड़ी बीसों गाडी, पहिया खिसका नहीं अगाडी
ग्वाले ने जब हाथ लगाया, फिर तो रथ चलता ही पाया ॥१६॥

Mantrī nē mandira banavāyā, rājā nē bhī daraba lagāyā..
Baṛī dharmaśālā banavāi, tumakō lānē kō ṭhaharāi..
Tumanē tōṛī bīsōṁ gāṛī, pahiyā khisakā nahīṁ agāṛī..
Gvālē nē jō hātha lagāyā, phira tō ratha calatā hī pāyā..

On the path of religion, those who walk truthfully,
In his life, there are leaves of happiness.
Mahavir, your glory is infinite,
I meet you, the mirror of knowledge.

अन्वयार्थ: आपकी महिमा देख कर मंत्री ने आपका मंदिर बनवाया और राजा ने भी उसमे बहुत योगदान दिया। इसके साथ ही आपके लिए धर्मशाला का निर्माण करवाया गया जहाँ आकर आप रुक सकें। आपके प्रभाव से रथ का पहिया आगे ही नहीं बढ़ रहा था लेकिन जैसे ही ग्वाले ने उसको खींचा, वह आगे बढ़ चला।

पहले दिन बैसाख वदी के, रथ जाता है तीर नदी के
मीना गुजर सब ही आते, नाच कूद सब चित उमगाते ॥१७॥

स्वामी तुमने प्रेम निभाया, ग्वाले का तुम मान बढाया
हाथ लगे ग्वाले का तब ही, स्वामी रथ चलता हैं तब ही ॥१८॥

Pahilē dina baiśākha badī kē, ratha jātā hai tīra nadī kē..
Mīnā gūjara saba hī ātē, nāca-kūda saba citta umagātē..
Svāmī tumanē prēma nibhāyā, gvālē kā tuma māna baṛhāyā..
Hātha lagē gvālē kā jaba hī, svāmī ratha calatā hai taba hī..

अन्वयार्थ: बैसाख महीने के पहले दिन वह रथ तीर नदी पर जाता है। मीना, गुर्जर इत्यादि सभी लोग यह देख कर नाचने-कूदने लग जाते हैं। हे महावीर स्वामी!! आपने ही अपने प्रेम का प्रभाव दिखाकर उस ग्वाले के मान-सम्मान को बढ़ा दिया। जब भी उस ग्वाले का हाथ रथ पर लगता है, तभी वह आगे चलता है।

मेरी हैं टूटी सी नैया, तुम बिन स्वामी कोई ना खिवैया
मुझ पर स्वामी ज़रा कृपा कर, मैं हु प्रभु तुम्हारा चाकर ॥१९॥

तुमसे मैं प्रभु कुछ नहीं चाहू, जनम जनम तव दर्शन चाहू
चालिसे को चन्द्र बनावे, वीर प्रभु को शीश नमावे ॥२०॥

Mērī hai ṭūṭī sī naiyā, tuma bina kōi nahīṁ khivaiyā..
Mujha para svāmī jarā kr̥pā kara, maiṁ hūm̐ prabhū tumhārā cākara..
Tumasē maiṁ aru kachu nahīṁ cāhūm̐, janma-janma tērē darśana pā’ūṁ..
Cālīsē kō ‘candra’ banāvē, vīra prabhū kō śīśa navāvē..

Those who followed your path,
Eliminated the sorrow in his life.
Mahavir, you are the basis of life,
You are the only solution to all sorrows.

अन्वयार्थ: हे महावीर भगवान!! मेरे जीवन की नैय्या भी ठीक से नहीं चल रही है और इसको आपके आशीर्वाद की आवश्यकता है। मैं तो आपका सेवक हूँ और अब आप मुझ पर अपनी कृपा कीजिये। मैं तो हर जन्म में आपके दर्शन करने के सिवा और कुछ भी नहीं चाहता हूँ। मैं आपकी इस चालीसा का पाठ करता हूँ और आपके सामने अपना शीश झुकाता हूँ।

॥ सोरठा ॥

नित चालीसहि बार, पाठ करे चालीस दिन।
खेय सगन्ध अपार, वर्धमान के सामने॥

होय कुबेर समान, जन्म दरिद्री होय जो।
जिसके नहि संतान, नाम वशं जग मेंचले॥

nita cālīsahiṁ bāra, pāṭha karē cālīsa dina.
Khēya sugandha apāra, vardhamāna kē sāmanē..
Hōya kubēra samāna, janma daridrī hōya jō.
Jisakē nahiṁ santāna, nāma vaśa jaga mēṁ calē..

अन्वयार्थ: जो भी व्यक्ति चालीस दिन तक इस महावीर चालीसा का चालीस बार पाठ करता है, उसका यश हर जगह फैल जाता है। यदि वह जन्म से गरीब पैदा हुआ है तो उसके पास कभी भी धन-संपत्ति की कमी नहीं रहती है व यदि उसे कोई संतान नहीं है तो उसकी संतान भी होती है और उसका नाम पूरे विश्व में फैलता है।

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