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INDEX
१ विनय पाठ२ मंगलपाठ3 भजन4 पूजा-विधि प्रारम्भ5 स्वस्ति-मंगल-विधान
6 चतुर्विंशति-तीर्थंकर-स्वस्ति-विधान 7 अथ परमर्षि-स्वस्ति-मंगल-विधान8 समुच्चय महार्घ्य9 विसर्जन-पाठ 10 शांति-पाठ(हिन्दी)11 वीर-प्रभु की आरती
Author:
Language : Hindi
श्री जी! मैं थाने पूजन आयो, मेरी अरज सुनो दीनानाथ!श्री जी, मैं थाने पूजन आयो।॥१॥
जल चंदन अक्षत शुभ लेके, तामें पुष्प मिलायो।श्री जी, मैं थाने पूजन आयो।॥२॥
चरु अरु दीप धूप फल लेकर, सुन्दर अर्घ बनायो ।श्री जी, मैं थाने पूजन आयो।३।
अर्घ बनाय गाय गुणमाला, तेरे चरणन शीश झुकायो ।श्री जी, मैं थाने पूजन आयो । ४ ।
आठ पहर की साठ जु घड़ियाँ, शांति-शरण तोरी आयो।श्री जी, मैं थाने पूजन आयो । ५ ।
मुझ सेवक की अर्ज यही है, जामन-मरण मिटावो मेरा आवागमन छुटावो, श्री जी, मैं थाने पूजन आयो । ६ ।
Updated By : Sou Tejashri Wadkar And Shri Shashank Shaha
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