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#SundarSagarJiMaharaj1976SanmatiSagarJi
Acharya Shri 108 Sundar Sagar Ji Maharaj was born on 9 November 1976 in Pahadi dheeraj,Sadar Bajaar,Delhi.His name was Pradeep Kumar Agrawal before diksha.He received initiation from Acharya Shri 108 Sanmati Sagar Ji Maharaj.
Janwari 22 Update
बांसवाड़ा-आचार्य श्री सुंदरसागर महाराज जीके करकमलो से 10 दिसम्बर 2021 को ब्र. नीता दीदी, ब्र.पूजा दीदी, ब्र. सुरभि दीदी, ब्र. लक्ष्मी दीदी, ब्र. रश्मि दीदी, ब्र. विश्वलता दीदी को दीक्षायें दी गई जिनके नाम क्रमशः आर्यिका श्री सुकाव्यमति माताजी, आर्यिका श्री सुलक्ष्यमति माताजी, आर्यिका सुरम्यमति माताजी, क्षुल्लिका सुतथ्यमति माताजी, क्षुल्लिका सुनम्यमति माताजी, क्षुल्लिका सुपथ्यमति माताजी रखा गया।
Ref - Sanksar_Sagar -Jan 22
March 2022 Update
कानपुर (उदयपुर राजस्थान)- आचार्य श्री सुंदरसागर महाराज जी के शिष्य मुनि श्री शतारसागर महाराज जी का समाधिमरण कानपुर उदयपुर राजस्थान में 27.03.2022 को हुआ।
शिष्य-शिष्याएं-चातुर्मास 2017 में विराजमान-मुनिश्री श्रेष्ठसागरजी महाराज, मुनिश्री सुहितसागरजी महाराज, मुनिश्री सुयशसागरजी महाराज, मुनिश्री सुधर्मसागरजी महाराज, मुनिश्री सुकर्मसागरजी महाराज, आर्यिकाश्री सुनयमति माताजी, क्षुल्लकश्री सुपर्वसागरजी महाराज, क्षुल्लकश्री सुवाकसागरजी महाराज, क्षुल्लिकाश्री सौम्यमति माताजी, क्षुल्लिकाश्री सुदर्शमति माताजी, क्षुल्लिकाश्री सुधर्ममति माताजी, क्षुल्लिकाश्री सुधन्यमति माताजी, क्षुल्लिकाश्री सुवर्णमति माताजी।
समाधिस्थ शिष्य-शिष्याएं : मुनिश्री सुशांतसागरजी महाराज, मुनिश्री सुआत्मसागरजी महाराज, मुनिश्री सुबुद्धसागरजी महाराज, आर्यिकाश्री सुधैर्यमति माताजी, आर्यिकाश्री साधनामति माताजी
साहित्य सृजन : गुणस्थान स्वरूप एवं विश्लेषण, भावत्रिभंगी टीका, इंद्रप्रस्थ से मुक्तिधाम (यात्रा), द्रव्यसंग्रह टीका, सुंदर गगरिया, सन्मति देशना, आश्रव त्रिभंगी आदि।
आचार्यश्री सुंदरसागरजी महाराज, श्रेष्ठ लेखक, प्रवचनकार, चिंतक, मननकार हैं। वे पठनपाठन में विशेष रुचि रखते हैं। उनका उद्देश्य युवा पीढ़ी को धर्म में लगाना है। उन्होंने आध्यात्मिक विषयों में रुचि ली है तथा चारों अनुयोगों का अभ्यास किया है। उन्होंने अनेक पंचकल्याणक एवं वेदी प्रतिष्ठा महोत्सवों में पावन सान्निध्य प्रदान किया है। आचार्य महाराज ने विद्यार्थियों में जैन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए अनेक जैन पाठशालाएं खोलने की प्रेरणा भी प्रदान की है।
प्रभावना : • लासुर चातुर्मास में अध्ययन हेतु रयणसार, तत्वार्थ सूत्र, भक्तामर स्तोत्र, गुण स्थान, द्रव्य संग्रह,स्वयंभू स्तोत्र की कक्षाओं का संचालन। • फलटण चातुर्मास में ओजस्वी प्रवचन। • नातेपुते चातुर्मास में प्रतिक्रमण, नियमसार वाचन, रत्नकरंड श्रावकाचार पर प्रवचन, षट्खंडागाम |(धवला) वाचन, अन्य ग्रंथों का विश्लेषण आदि। • रतलाम में अहिंसा और स्वतंत्रता विषय पर मंगल प्रवचन आदि। विधान, रथयात्रा, त्यागी-व्रती |आश्रम का लोकार्पण आदि।
साहित्य सृजन : गुणस्थान स्वरूप एवं विश्लेषण, भावत्रिभंगी टीका, इंद्रप्रस्थ से मुक्तिधाम (यात्रा), द्रव्यसंग्रह टीका, सुंदर गगरिया, सन्मति देशना, आश्रव त्रिभंगी आदि।
#SundarSagarJiMaharaj1976SanmatiSagarJi
आचार्य श्री १०८ सुन्दर सागरजी महाराज
आचार्य श्री १०८ सन्मति सागरजी १९३८ (अंकलिकार) Acharya Shri 108 Sanmati Sagarji 1938 (Ankalikar)
Firozabad (1996), Tikamgarh, Champapur, Varanasi, Chhatarpur (2000), Ujjain, Narwali, Udaipur, Khamera, Borivali-Mumbai, Lasurne, Lasur, Bolthan, Phaltan, Natepute, Ratlam, Sammed shikharji (two), Etah, Etawah, Barabanki, Barout (2017)
SundarSagarJiMaharaj1976SanmatiSagarJi
Acharya Shri 108 Sundar Sagar Ji Maharaj was born on 9 November 1976 in Pahadi dheeraj,Sadar Bajaar,Delhi.His name was Pradeep Kumar Agrawal before diksha.He received initiation from Acharya Shri 108 Sanmati Sagar Ji Maharaj.
Janwari 22 Update
बांसवाड़ा-आचार्य श्री सुंदरसागर महाराज जीके करकमलो से 10 दिसम्बर 2021 को ब्र. नीता दीदी, ब्र.पूजा दीदी, ब्र. सुरभि दीदी, ब्र. लक्ष्मी दीदी, ब्र. रश्मि दीदी, ब्र. विश्वलता दीदी को दीक्षायें दी गई जिनके नाम क्रमशः आर्यिका श्री सुकाव्यमति माताजी, आर्यिका श्री सुलक्ष्यमति माताजी, आर्यिका सुरम्यमति माताजी, क्षुल्लिका सुतथ्यमति माताजी, क्षुल्लिका सुनम्यमति माताजी, क्षुल्लिका सुपथ्यमति माताजी रखा गया।
Ref - Sanksar_Sagar -Jan 22
March 2022 Update
कानपुर (उदयपुर राजस्थान)- आचार्य श्री सुंदरसागर महाराज जी के शिष्य मुनि श्री शतारसागर महाराज जी का समाधिमरण कानपुर उदयपुर राजस्थान में 27.03.2022 को हुआ।
साहित्य सृजन : गुणस्थान स्वरूप एवं विश्लेषण, भावत्रिभंगी टीका, इंद्रप्रस्थ से मुक्तिधाम (यात्रा), द्रव्यसंग्रह टीका, सुंदर गगरिया, सन्मति देशना, आश्रव त्रिभंगी आदि।
Acharya Shri 108 Sundar Sagarji Maharaj
आचार्य श्री १०८ सन्मति सागरजी १९३८ (अंकलिकार) Acharya Shri 108 Sanmati Sagarji 1938 (Ankalikar)
आचार्य श्री १०८ सन्मति सागरजी १९३८ (अंकलिकार) Acharya Shri 108 Sanmati Sagarji 1938 (Ankalikar)
Firozabad (1996), Tikamgarh, Champapur, Varanasi, Chhatarpur (2000), Ujjain, Narwali, Udaipur, Khamera, Borivali-Mumbai, Lasurne, Lasur, Bolthan, Phaltan, Natepute, Ratlam, Sammed shikharji (two), Etah, Etawah, Barabanki, Barout (2017)
Muni Shri 108 Sundar Sagar Ji Maharaj
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