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#Aadipamp
कन्नड़ साहित्यका सर्वश्रेष्ठ कवि पम्प है । इसका समय ई० सन् १४१ है। इन्होंने 'आदिपुराण' और 'भारत' ग्रंथोंकी रचना की है। ये दोनों ग्रन्थ चम्मू काव्य है। पम्पने स्वयं अपने सम्बन्ध में लिखा है- 'मेरे विख्यात चिर नुतन समुद्रवत गम्भोर काध्य मेरे परवर्ती कवियोंके लिए प्रमोदप्रद हैं।" पम्पके वंशज वैदिक धर्मानुयायी थे। इसके पिता अविराम देवरायने जैनधर्म स्वीकार किया था।
पम्पने आदिपुराणमें काब्यके अमृतानन्दके साथ धार्मिक सिद्धान्तोंका भी निरूपण किया है । कवि पम्पमें कल्पना शक्तिका भी प्राचुर्य है । उनका दूसरा ग्रन्थ "विक्रमार्जुन विजय' अर्थात् 'भारत' है । कविने इस ग्रन्थमें काव्य तत्त्वों का निर्वाह सम्यक् प्रकार किया है। नारीके नख-शिख चित्रणमें तो कवि संस्कृतके कवियोंसे भी बढ़ा-चढ़ा है। चरित्र-चित्रणमें भी कविको अपूर्व सफ लता मिली है।
कन्नड़ साहित्यका सर्वश्रेष्ठ कवि पम्प है । इसका समय ई० सन् १४१ है। इन्होंने 'आदिपुराण' और 'भारत' ग्रंथोंकी रचना की है। ये दोनों ग्रन्थ चम्मू काव्य है। पम्पने स्वयं अपने सम्बन्ध में लिखा है- 'मेरे विख्यात चिर नुतन समुद्रवत गम्भोर काध्य मेरे परवर्ती कवियोंके लिए प्रमोदप्रद हैं।" पम्पके वंशज वैदिक धर्मानुयायी थे। इसके पिता अविराम देवरायने जैनधर्म स्वीकार किया था।
पम्पने आदिपुराणमें काब्यके अमृतानन्दके साथ धार्मिक सिद्धान्तोंका भी निरूपण किया है । कवि पम्पमें कल्पना शक्तिका भी प्राचुर्य है । उनका दूसरा ग्रन्थ "विक्रमार्जुन विजय' अर्थात् 'भारत' है । कविने इस ग्रन्थमें काव्य तत्त्वों का निर्वाह सम्यक् प्रकार किया है। नारीके नख-शिख चित्रणमें तो कवि संस्कृतके कवियोंसे भी बढ़ा-चढ़ा है। चरित्र-चित्रणमें भी कविको अपूर्व सफ लता मिली है।
#Aadipamp
आचार्यतुल्य आदिपम्प (प्राचीन)
संजुल जैन ने महाराज जी का विकी पेज बनाया है तारीख 3 जून 2022
दिगजैनविकी आभारी है
बालिकाई शास्त्री (बाहुबली-कोल्हापुर )
नेमिनाथ जी शास्त्री (बाहुबली-कोल्हापुर )
परियोजना के लिए पुस्तकों को संदर्भित करने के लिए।
लेखक:- पंडित श्री नेमीचंद्र शास्त्री-ज्योतिषाचार्य
आचार्य शांति सागर छानी ग्रंथ माला
Sanjul Jain Created Wiki Page Maharaj ji On Date 3 June 2022
Digjainwiki is Thankful to
Balikai Shashtri ( Bahubali - Kholapur)
Neminath Ji Shastri ( Bahubali - Kholapur)
for referring the books to the project.
Author :- Pandit Nemichandra Shashtri - Jyotishacharya
Acharya Shanti Sagar Channi GranthMala
कन्नड़ साहित्यका सर्वश्रेष्ठ कवि पम्प है । इसका समय ई० सन् १४१ है। इन्होंने 'आदिपुराण' और 'भारत' ग्रंथोंकी रचना की है। ये दोनों ग्रन्थ चम्मू काव्य है। पम्पने स्वयं अपने सम्बन्ध में लिखा है- 'मेरे विख्यात चिर नुतन समुद्रवत गम्भोर काध्य मेरे परवर्ती कवियोंके लिए प्रमोदप्रद हैं।" पम्पके वंशज वैदिक धर्मानुयायी थे। इसके पिता अविराम देवरायने जैनधर्म स्वीकार किया था।
पम्पने आदिपुराणमें काब्यके अमृतानन्दके साथ धार्मिक सिद्धान्तोंका भी निरूपण किया है । कवि पम्पमें कल्पना शक्तिका भी प्राचुर्य है । उनका दूसरा ग्रन्थ "विक्रमार्जुन विजय' अर्थात् 'भारत' है । कविने इस ग्रन्थमें काव्य तत्त्वों का निर्वाह सम्यक् प्रकार किया है। नारीके नख-शिख चित्रणमें तो कवि संस्कृतके कवियोंसे भी बढ़ा-चढ़ा है। चरित्र-चित्रणमें भी कविको अपूर्व सफ लता मिली है।
Acharyatulya Aadipamp (Prachin)
Sanjul Jain Created Wiki Page Maharaj ji On Date 3 June 2022
Digjainwiki is Thankful to
Balikai Shashtri ( Bahubali - Kholapur)
Neminath Ji Shastri ( Bahubali - Kholapur)
for referring the books to the project.
Author :- Pandit Nemichandra Shashtri - Jyotishacharya
Acharya Shanti Sagar Channi GranthMala
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