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#Bakhatram
कवि बखतराम जयपुर लश्करके निवासी थे। इनके चार पुत्र थे-जीवन राम, सेवाराम, खुशालचन्द और मुमानीराम । इनका समय १९वीं शताब्दी. का द्वितीय पाद है। इन्होंने मिथ्यात्वखण्डन और बुद्धिविलास नामक दो ग्रन्थ लिखे हैं। बुद्धिविलासके आरम्भमें कविने जयपुरके राजबंशका इतिहास लिखा है। सं० ११९१ में मुसलमानोंने जयपुरमें राज्य किया । इसके पूर्वके कई हिन्दू राजवंशीको नामावली दी है। इस ग्रन्थका वयं विषय विविध धार्मिक विषय, संध, दिगम्बर पट्टावली, भट्टारकों तथा खण्डेलवाल जातिकी उत्पत्ति आदि है। इस ग्रन्थको समाप्ति कविवरने मार्गशीर्षशुक्ला द्वादशी सं० १८२७ में को है।
कवि बखतराम जयपुर लश्करके निवासी थे। इनके चार पुत्र थे-जीवन राम, सेवाराम, खुशालचन्द और मुमानीराम । इनका समय १९वीं शताब्दी. का द्वितीय पाद है। इन्होंने मिथ्यात्वखण्डन और बुद्धिविलास नामक दो ग्रन्थ लिखे हैं। बुद्धिविलासके आरम्भमें कविने जयपुरके राजबंशका इतिहास लिखा है। सं० ११९१ में मुसलमानोंने जयपुरमें राज्य किया । इसके पूर्वके कई हिन्दू राजवंशीको नामावली दी है। इस ग्रन्थका वयं विषय विविध धार्मिक विषय, संध, दिगम्बर पट्टावली, भट्टारकों तथा खण्डेलवाल जातिकी उत्पत्ति आदि है। इस ग्रन्थको समाप्ति कविवरने मार्गशीर्षशुक्ला द्वादशी सं० १८२७ में को है।
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आचार्यतुल्य बखतराम (प्राचीन)
संजुल जैन ने महाराज जी का विकी पेज बनाया है तारीख 2 जून 2022
दिगजैनविकी आभारी है
बालिकाई शास्त्री (बाहुबली-कोल्हापुर )
नेमिनाथ जी शास्त्री (बाहुबली-कोल्हापुर )
परियोजना के लिए पुस्तकों को संदर्भित करने के लिए।
लेखक:- पंडित श्री नेमीचंद्र शास्त्री-ज्योतिषाचार्य
आचार्य शांति सागर छानी ग्रंथ माला
Sanjul Jain Created Wiki Page Maharaj ji On Date 2 June 2022
Digjainwiki is Thankful to
Balikai Shashtri ( Bahubali - Kholapur)
Neminath Ji Shastri ( Bahubali - Kholapur)
for referring the books to the project.
Author :- Pandit Nemichandra Shashtri - Jyotishacharya
Acharya Shanti Sagar Channi GranthMala
कवि बखतराम जयपुर लश्करके निवासी थे। इनके चार पुत्र थे-जीवन राम, सेवाराम, खुशालचन्द और मुमानीराम । इनका समय १९वीं शताब्दी. का द्वितीय पाद है। इन्होंने मिथ्यात्वखण्डन और बुद्धिविलास नामक दो ग्रन्थ लिखे हैं। बुद्धिविलासके आरम्भमें कविने जयपुरके राजबंशका इतिहास लिखा है। सं० ११९१ में मुसलमानोंने जयपुरमें राज्य किया । इसके पूर्वके कई हिन्दू राजवंशीको नामावली दी है। इस ग्रन्थका वयं विषय विविध धार्मिक विषय, संध, दिगम्बर पट्टावली, भट्टारकों तथा खण्डेलवाल जातिकी उत्पत्ति आदि है। इस ग्रन्थको समाप्ति कविवरने मार्गशीर्षशुक्ला द्वादशी सं० १८२७ में को है।
Acharyatulya Bakhatram (Prachin)
Sanjul Jain Created Wiki Page Maharaj ji On Date 2 June 2022
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Balikai Shashtri ( Bahubali - Kholapur)
Neminath Ji Shastri ( Bahubali - Kholapur)
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Author :- Pandit Nemichandra Shashtri - Jyotishacharya
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