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#Bharamal
कवि भारामल फरूखाबादके निवासी सिंधई परशुरामके पुत्र थे और इनकी जाति खरोवा थी। इन्होंने भिण्डनगरमें रहकर सं० १८१३ में 'चार चरित' की रचना की थी। सप्तव्यसनचरित, दानकथा, शोलकथा और रात्रि भोजनकथा भी इनके छन्दोबद्ध ग्रन्थ हैं।
कवि भारामल फरूखाबादके निवासी सिंधई परशुरामके पुत्र थे और इनकी जाति खरोवा थी। इन्होंने भिण्डनगरमें रहकर सं० १८१३ में 'चार चरित' की रचना की थी। सप्तव्यसनचरित, दानकथा, शोलकथा और रात्रि भोजनकथा भी इनके छन्दोबद्ध ग्रन्थ हैं।
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आचार्यतुल्य भारमल (प्राचीन)
संजुल जैन ने महाराज जी का विकी पेज बनाया है तारीख 2 जून 2022
दिगजैनविकी आभारी है
बालिकाई शास्त्री (बाहुबली-कोल्हापुर )
नेमिनाथ जी शास्त्री (बाहुबली-कोल्हापुर )
परियोजना के लिए पुस्तकों को संदर्भित करने के लिए।
लेखक:- पंडित श्री नेमीचंद्र शास्त्री-ज्योतिषाचार्य
आचार्य शांति सागर छानी ग्रंथ माला
Sanjul Jain Created Wiki Page Maharaj ji On Date 2 June 2022
Digjainwiki is Thankful to
Balikai Shashtri ( Bahubali - Kholapur)
Neminath Ji Shastri ( Bahubali - Kholapur)
for referring the books to the project.
Author :- Pandit Nemichandra Shashtri - Jyotishacharya
Acharya Shanti Sagar Channi GranthMala
कवि भारामल फरूखाबादके निवासी सिंधई परशुरामके पुत्र थे और इनकी जाति खरोवा थी। इन्होंने भिण्डनगरमें रहकर सं० १८१३ में 'चार चरित' की रचना की थी। सप्तव्यसनचरित, दानकथा, शोलकथा और रात्रि भोजनकथा भी इनके छन्दोबद्ध ग्रन्थ हैं।
Acharyatulya Bharamal (Prachin)
Sanjul Jain Created Wiki Page Maharaj ji On Date 2 June 2022
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Balikai Shashtri ( Bahubali - Kholapur)
Neminath Ji Shastri ( Bahubali - Kholapur)
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Author :- Pandit Nemichandra Shashtri - Jyotishacharya
Acharya Shanti Sagar Channi GranthMala
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