कवि भारामल फरूखाबादके निवासी सिंधई परशुरामके पुत्र थे और इनकी जाति खरोवा थी। इन्होंने भिण्डनगरमें रहकर सं० १८१३ में 'चार चरित' की रचना की थी। सप्तव्यसनचरित, दानकथा, शोलकथा और रात्रि भोजनकथा भी इनके छन्दोबद्ध ग्रन्थ हैं।
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परिचय
भारामल
कवि भारामल फरूखाबादके निवासी सिंधई परशुरामके पुत्र थे और इनकी जाति खरोवा थी। इन्होंने भिण्डनगरमें रहकर सं० १८१३ में 'चार चरित' की रचना की थी। सप्तव्यसनचरित, दानकथा, शोलकथा और रात्रि भोजनकथा भी इनके छन्दोबद्ध ग्रन्थ हैं।
कवि भारामल फरूखाबादके निवासी सिंधई परशुरामके पुत्र थे और इनकी जाति खरोवा थी। इन्होंने भिण्डनगरमें रहकर सं० १८१३ में 'चार चरित' की रचना की थी। सप्तव्यसनचरित, दानकथा, शोलकथा और रात्रि भोजनकथा भी इनके छन्दोबद्ध ग्रन्थ हैं।