गुणवर्मका समय ई० सन् १२२५के लगभग है । इस कविने 'पुष्पदन्तपुराण' की रचना की है । यह ग्रन्थ इतिवृत्तात्मक होते हुए भी मर्मस्पर्शी सन्दर्भोस युक्त, है। कविने अपना भाषा विषयक पाण्डित्य तो दिखलाया ही है, साथ ही वर्ण नात्मक शैलोका अद्भुत रूप भी प्रदर्शित किया है ।
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परिचय
गुणवर्म
गुणवर्मका समय ई० सन् १२२५के लगभग है । इस कविने 'पुष्पदन्तपुराण' की रचना की है । यह ग्रन्थ इतिवृत्तात्मक होते हुए भी मर्मस्पर्शी सन्दर्भोस युक्त, है। कविने अपना भाषा विषयक पाण्डित्य तो दिखलाया ही है, साथ ही वर्ण नात्मक शैलोका अद्भुत रूप भी प्रदर्शित किया है ।
गुणवर्मका समय ई० सन् १२२५के लगभग है । इस कविने 'पुष्पदन्तपुराण' की रचना की है । यह ग्रन्थ इतिवृत्तात्मक होते हुए भी मर्मस्पर्शी सन्दर्भोस युक्त, है। कविने अपना भाषा विषयक पाण्डित्य तो दिखलाया ही है, साथ ही वर्ण नात्मक शैलोका अद्भुत रूप भी प्रदर्शित किया है ।