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#JindasMarathi
मराठी साहित्यका सबसे पहला ज्ञात कवि जिनदास है । इनके गुरुका नाम भट्टारक भुवनकीर्ति था । भुवनकीर्ति का समय शक संवत् १६४३ से १६६२ तक है । अतएव जिनदासका समय शक संवत्की १७ बौं शती है। इन्होंने हरिवंश पुराण नामक ग्रन्थको रचना देवगिरि (मराठवाड़ा) नामक स्थानमें की है।
इस ग्रन्थका पूर्वाई लिखकर ही कवि परलोकगामी हो गया। इसके पूर्वार्टमें ४० अपाय हैं और महाभारतकी कथा संक्षेपमें वर्णित है।
मराठी साहित्यका सबसे पहला ज्ञात कवि जिनदास है । इनके गुरुका नाम भट्टारक भुवनकीर्ति था । भुवनकीर्ति का समय शक संवत् १६४३ से १६६२ तक है । अतएव जिनदासका समय शक संवत्की १७ बौं शती है। इन्होंने हरिवंश पुराण नामक ग्रन्थको रचना देवगिरि (मराठवाड़ा) नामक स्थानमें की है।
इस ग्रन्थका पूर्वाई लिखकर ही कवि परलोकगामी हो गया। इसके पूर्वार्टमें ४० अपाय हैं और महाभारतकी कथा संक्षेपमें वर्णित है।
#JindasMarathi
आचार्यतुल्य जिन्दास मराठी 17वीं शताब्दी (प्राचीन)
संजुल जैन ने महाराज जी का विकी पेज बनाया है तारीख 4 जून 2022
दिगजैनविकी आभारी है
बालिकाई शास्त्री (बाहुबली-कोल्हापुर )
नेमिनाथ जी शास्त्री (बाहुबली-कोल्हापुर )
परियोजना के लिए पुस्तकों को संदर्भित करने के लिए।
लेखक:- पंडित श्री नेमीचंद्र शास्त्री-ज्योतिषाचार्य
आचार्य शांति सागर छानी ग्रंथ माला
Sanjul Jain Created Wiki Page Maharaj ji On Date 4 June 2022
Digjainwiki is Thankful to
Balikai Shashtri ( Bahubali - Kholapur)
Neminath Ji Shastri ( Bahubali - Kholapur)
for referring the books to the project.
Author :- Pandit Nemichandra Shashtri - Jyotishacharya
Acharya Shanti Sagar Channi GranthMala
मराठी साहित्यका सबसे पहला ज्ञात कवि जिनदास है । इनके गुरुका नाम भट्टारक भुवनकीर्ति था । भुवनकीर्ति का समय शक संवत् १६४३ से १६६२ तक है । अतएव जिनदासका समय शक संवत्की १७ बौं शती है। इन्होंने हरिवंश पुराण नामक ग्रन्थको रचना देवगिरि (मराठवाड़ा) नामक स्थानमें की है।
इस ग्रन्थका पूर्वाई लिखकर ही कवि परलोकगामी हो गया। इसके पूर्वार्टमें ४० अपाय हैं और महाभारतकी कथा संक्षेपमें वर्णित है।
Acharyatulya Jindas Marathi 17th Century (Prachin)
Sanjul Jain Created Wiki Page Maharaj ji On Date 4 June 2022
Digjainwiki is Thankful to
Balikai Shashtri ( Bahubali - Kholapur)
Neminath Ji Shastri ( Bahubali - Kholapur)
for referring the books to the project.
Author :- Pandit Nemichandra Shashtri - Jyotishacharya
Acharya Shanti Sagar Channi GranthMala
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15000
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