इनने भी कथा-मन्थों की रचना कर अपनश-साहित्यको श्रीवृद्धिमें योगदान दिया है। ये देवनन्दि पूज्यपाद-देवनन्दिसे भिन्न हैं और उनके पश्चात्वर्ती हैं। इनका 'रोहिणीविहाणकहा' नामक अन्य उपलब्ध है। रचनाकी शैलीके आधारपर कविका समय १५वीं शती माना जा सकता है ।
All Chaturmas Details
परिचय
कवि देवनन्दि
इनने भी कथा-मन्थों की रचना कर अपनश-साहित्यको श्रीवृद्धिमें योगदान दिया है। ये देवनन्दि पूज्यपाद-देवनन्दिसे भिन्न हैं और उनके पश्चात्वर्ती हैं। इनका 'रोहिणीविहाणकहा' नामक अन्य उपलब्ध है। रचनाकी शैलीके आधारपर कविका समय १५वीं शती माना जा सकता है ।
इनने भी कथा-मन्थों की रचना कर अपनश-साहित्यको श्रीवृद्धिमें योगदान दिया है। ये देवनन्दि पूज्यपाद-देवनन्दिसे भिन्न हैं और उनके पश्चात्वर्ती हैं। इनका 'रोहिणीविहाणकहा' नामक अन्य उपलब्ध है। रचनाकी शैलीके आधारपर कविका समय १५वीं शती माना जा सकता है ।