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#KishanSingh

यह रामपुरके निवासी संगही कल्याणके पौत्र तथा आनन्दसिंह के पुत्र थे । इनकी खण्डेलवाल जैन जाति थी और पाटनी गोत्र था। यह रामपुर छोड़कर सांगानेर आकर रहने लगे थे । इन्होंने संवत् १७८४ में क्रियाकोश नामक छन्दो बद्ध ग्रन्थ रचा था, जिसकी श्लोकसंख्या २९०० है। इसके अलावा भद्रबाहु चरित संवत् १७८५ और रात्रिभोजन स्वागवतकथा सं० १७७३ में छन्दोबद्ध लिखे हैं ! इनको कविता साधारण काटिकी है । नमूना निम्न प्रकार है--
माथुर वसंतराय बोहराको परधान,
संगही कल्याणदास पाटगी बखानिये ।
रामपुर बास जाको मुत मुम्बुदेव सुधी,
ताको सुत किस्नसिंह कविनाम जानिये ।।
तिहि निसि भोजन त्यजन प्रत कथा सुनी,
तांको कोनी चौपई सुभागम प्रमाणिये ।
भूलि चूकि अक्षर घर जौं बाकी बुधजन,
सोधि पढ़ि चीनतो हमारी मनि आनिय ।।
यह रामपुरके निवासी संगही कल्याणके पौत्र तथा आनन्दसिंह के पुत्र थे । इनकी खण्डेलवाल जैन जाति थी और पाटनी गोत्र था। यह रामपुर छोड़कर सांगानेर आकर रहने लगे थे । इन्होंने संवत् १७८४ में क्रियाकोश नामक छन्दो बद्ध ग्रन्थ रचा था, जिसकी श्लोकसंख्या २९०० है। इसके अलावा भद्रबाहु चरित संवत् १७८५ और रात्रिभोजन स्वागवतकथा सं० १७७३ में छन्दोबद्ध लिखे हैं ! इनको कविता साधारण काटिकी है । नमूना निम्न प्रकार है--
माथुर वसंतराय बोहराको परधान,
संगही कल्याणदास पाटगी बखानिये ।
रामपुर बास जाको मुत मुम्बुदेव सुधी,
ताको सुत किस्नसिंह कविनाम जानिये ।।
तिहि निसि भोजन त्यजन प्रत कथा सुनी,
तांको कोनी चौपई सुभागम प्रमाणिये ।
भूलि चूकि अक्षर घर जौं बाकी बुधजन,
सोधि पढ़ि चीनतो हमारी मनि आनिय ।।
#KishanSingh
आचार्यतुल्य किशन सिंह 18वीं शताब्दी (प्राचीन)
| Name | Phone/Mobile 1 | Which Sangh/Maharaji/Aryika Ji you are associated with |
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| Sangh Common Number | +919844033717 | #VardhamanSagarJiMaharaj1950DharmSagarJi |
| Hemal Jain | +918690943133 | #SunilSagarJi1977SanmatiSagarJi |
| Abhi Bantu | +919575455473 | #SunilSagarJi1977SanmatiSagarJi |
| Purnima Didi | +918552998307 | #SunilSagarJi1977SanmatiSagarJi |
| Varna Manish Bhai | +919352199164 | #KanaknandiJiMaharajKunthusagarji |
| Ankit Test | +919730016352 | #AcharyaShriVidyasagarjiMaharaj |
| Santosh Khule | +919850774639 | #PavitrasagarJiMaharaj1949SanmatiSagarJi1927 |
| Madhok Shaha | +919928058345 | #KanaknandiJiMaharajKunthusagarji |
| Siddharth jain Baddu | +917987281995 | #AcharyaShriVidyasagarjiMaharaj, #VishalSagarJiMaharaj1977VidyaSagarJi |
| Akshay Adadande | +919765069127 | #AcharyaShriVidyasagarjiMaharaj, #NiyamSagarJiMaharaj1957VidyaSagarJi |
| Mayur Jain | +918484845108 | #SundarSagarJiMaharaj1976SanmatiSagarJi, #VibhavSagarJiMaharaj1976ViragSagarJi, #PrabhavsagarjiPavitrasagarJiMaharaj1949, #MayanksagarjiRayansagarJiMaharaj1955 |
संजुल जैन ने महाराज जी का विकी पेज बनाया है तारीख 29 मई 2022
दिगजैनविकी आभारी है
बालिकाई शास्त्री (बाहुबली-कोल्हापुर )
नेमिनाथ जी शास्त्री (बाहुबली-कोल्हापुर )
परियोजना के लिए पुस्तकों को संदर्भित करने के लिए।
लेखक:- पंडित श्री नेमीचंद्र शास्त्री-ज्योतिषाचार्य
आचार्य शांति सागर छानी ग्रंथ माला
Sanjul Jain Created Wiki Page Maharaj ji On Date 29 May 2022
Digjainwiki is Thankful to
Balikai Shashtri ( Bahubali - Kholapur)
Neminath Ji Shastri ( Bahubali - Kholapur)
for referring the books to the project.
Author :- Pandit Nemichandra Shashtri - Jyotishacharya
Acharya Shanti Sagar Channi GranthMala
यह रामपुरके निवासी संगही कल्याणके पौत्र तथा आनन्दसिंह के पुत्र थे । इनकी खण्डेलवाल जैन जाति थी और पाटनी गोत्र था। यह रामपुर छोड़कर सांगानेर आकर रहने लगे थे । इन्होंने संवत् १७८४ में क्रियाकोश नामक छन्दो बद्ध ग्रन्थ रचा था, जिसकी श्लोकसंख्या २९०० है। इसके अलावा भद्रबाहु चरित संवत् १७८५ और रात्रिभोजन स्वागवतकथा सं० १७७३ में छन्दोबद्ध लिखे हैं ! इनको कविता साधारण काटिकी है । नमूना निम्न प्रकार है--
माथुर वसंतराय बोहराको परधान,
संगही कल्याणदास पाटगी बखानिये ।
रामपुर बास जाको मुत मुम्बुदेव सुधी,
ताको सुत किस्नसिंह कविनाम जानिये ।।
तिहि निसि भोजन त्यजन प्रत कथा सुनी,
तांको कोनी चौपई सुभागम प्रमाणिये ।
भूलि चूकि अक्षर घर जौं बाकी बुधजन,
सोधि पढ़ि चीनतो हमारी मनि आनिय ।।
Sanjul Jain Created Wiki Page Maharaj ji On Date 29 May 2022
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Balikai Shashtri ( Bahubali - Kholapur)
Neminath Ji Shastri ( Bahubali - Kholapur)
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Author :- Pandit Nemichandra Shashtri - Jyotishacharya
Acharya Shanti Sagar Channi GranthMala
#KishanSingh
15000
Acharyatulya Kishan Singh 18th Century (Prachin)
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