कवि लोहटके पिताका नाम धर्म था । ये बघेरवाल जातिके थे। हींग और सुन्दर इनके बड़े भाई थे । पहले ये सांभरमें रहते थे, फिर बदीमें आकर रहने लगे । कविके समय में रावभावसिंहका राज्य था। इन्होंने बूंदीनगर एवं वहाँके राजबंशका वर्णन किया है । इन्होंने यशोधरचरितका पद्यानुवाद वि० सं० १७२१ में समाप्त किया है।
All Chaturmas Details
परिचय
लोहट
कवि लोहटके पिताका नाम धर्म था । ये बघेरवाल जातिके थे। हींग और सुन्दर इनके बड़े भाई थे । पहले ये सांभरमें रहते थे, फिर बदीमें आकर रहने लगे । कविके समय में रावभावसिंहका राज्य था। इन्होंने बूंदीनगर एवं वहाँके राजबंशका वर्णन किया है । इन्होंने यशोधरचरितका पद्यानुवाद वि० सं० १७२१ में समाप्त किया है।
कवि लोहटके पिताका नाम धर्म था । ये बघेरवाल जातिके थे। हींग और सुन्दर इनके बड़े भाई थे । पहले ये सांभरमें रहते थे, फिर बदीमें आकर रहने लगे । कविके समय में रावभावसिंहका राज्य था। इन्होंने बूंदीनगर एवं वहाँके राजबंशका वर्णन किया है । इन्होंने यशोधरचरितका पद्यानुवाद वि० सं० १७२१ में समाप्त किया है।