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#Mahitsagarprachin
महितसागरका जन्म शक संवत् १६९४में और मृत्यु शक संवत् १७५४में हुई है। इन्होंने शक संवत १७२ में रविवार कथा लिखी तथा शक संवत १७३२में बालापुरमें आदिनाथ पञ्चकल्याणिक कथा लिखी है । इनकी अबतक निम्नलिखित कृतियाँ प्राप्त हो चुकी हैं
१. दशलक्षण
२. शोडषकारण
३. रत्नत्रय
४. पञ्चपरमेष्ठोगुणवर्णन
५. सम्बोष सहलपको
६. देवेन्द्रकोतिकोत्रावनी
७. तीकरोंके भजन
८. आरती संग्रह
महितसागरका जन्म शक संवत् १६९४में और मृत्यु शक संवत् १७५४में हुई है। इन्होंने शक संवत १७२ में रविवार कथा लिखी तथा शक संवत १७३२में बालापुरमें आदिनाथ पञ्चकल्याणिक कथा लिखी है । इनकी अबतक निम्नलिखित कृतियाँ प्राप्त हो चुकी हैं
१. दशलक्षण
२. शोडषकारण
३. रत्नत्रय
४. पञ्चपरमेष्ठोगुणवर्णन
५. सम्बोष सहलपको
६. देवेन्द्रकोतिकोत्रावनी
७. तीकरोंके भजन
८. आरती संग्रह
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आचार्यतुल्य महितसागर 18वीं शताब्दी (प्राचीन)
संजुल जैन ने महाराज जी का विकी पेज बनाया है तारीख 4 जून 2022
दिगजैनविकी आभारी है
बालिकाई शास्त्री (बाहुबली-कोल्हापुर )
नेमिनाथ जी शास्त्री (बाहुबली-कोल्हापुर )
परियोजना के लिए पुस्तकों को संदर्भित करने के लिए।
लेखक:- पंडित श्री नेमीचंद्र शास्त्री-ज्योतिषाचार्य
आचार्य शांति सागर छानी ग्रंथ माला
Sanjul Jain Created Wiki Page Maharaj ji On Date 4 June 2022
Digjainwiki is Thankful to
Balikai Shashtri ( Bahubali - Kholapur)
Neminath Ji Shastri ( Bahubali - Kholapur)
for referring the books to the project.
Author :- Pandit Nemichandra Shashtri - Jyotishacharya
Acharya Shanti Sagar Channi GranthMala
महितसागरका जन्म शक संवत् १६९४में और मृत्यु शक संवत् १७५४में हुई है। इन्होंने शक संवत १७२ में रविवार कथा लिखी तथा शक संवत १७३२में बालापुरमें आदिनाथ पञ्चकल्याणिक कथा लिखी है । इनकी अबतक निम्नलिखित कृतियाँ प्राप्त हो चुकी हैं
१. दशलक्षण
२. शोडषकारण
३. रत्नत्रय
४. पञ्चपरमेष्ठोगुणवर्णन
५. सम्बोष सहलपको
६. देवेन्द्रकोतिकोत्रावनी
७. तीकरोंके भजन
८. आरती संग्रह
Acharyatulya Mahitsagar 18th Century (Prachin)
Sanjul Jain Created Wiki Page Maharaj ji On Date 4 June 2022
Digjainwiki is Thankful to
Balikai Shashtri ( Bahubali - Kholapur)
Neminath Ji Shastri ( Bahubali - Kholapur)
for referring the books to the project.
Author :- Pandit Nemichandra Shashtri - Jyotishacharya
Acharya Shanti Sagar Channi GranthMala
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