हैशटैग
#Mangras
मंगरसका गीतिकाव्य और प्रबन्धकाव्य निर्माताओं में महत्वपूर्ण स्थान है। इनका समय ई. सन् १५०८ है । कविने 'नेमिजिनेश्वर संगीत' और 'सम्यक्त्व कौमुदी' ग्रन्थोंकी रचना की है। नेमिजिनेश्वर संगीत में संगीतकी अपूर्व छटा उपलब्ध होती है । सभी राग रागनियां उनके चरणोंपर लोटती हैं ।
मंगरसका गीतिकाव्य और प्रबन्धकाव्य निर्माताओं में महत्वपूर्ण स्थान है। इनका समय ई. सन् १५०८ है । कविने 'नेमिजिनेश्वर संगीत' और 'सम्यक्त्व कौमुदी' ग्रन्थोंकी रचना की है। नेमिजिनेश्वर संगीत में संगीतकी अपूर्व छटा उपलब्ध होती है । सभी राग रागनियां उनके चरणोंपर लोटती हैं ।
#Mangras
आचार्यतुल्य मंग्रस 16वीं शताब्दी (प्राचीन)
संजुल जैन ने महाराज जी का विकी पेज बनाया है तारीख 3 जून 2022
दिगजैनविकी आभारी है
बालिकाई शास्त्री (बाहुबली-कोल्हापुर )
नेमिनाथ जी शास्त्री (बाहुबली-कोल्हापुर )
परियोजना के लिए पुस्तकों को संदर्भित करने के लिए।
लेखक:- पंडित श्री नेमीचंद्र शास्त्री-ज्योतिषाचार्य
आचार्य शांति सागर छानी ग्रंथ माला
Sanjul Jain Created Wiki Page Maharaj ji On Date 3 June 2022
Digjainwiki is Thankful to
Balikai Shashtri ( Bahubali - Kholapur)
Neminath Ji Shastri ( Bahubali - Kholapur)
for referring the books to the project.
Author :- Pandit Nemichandra Shashtri - Jyotishacharya
Acharya Shanti Sagar Channi GranthMala
मंगरसका गीतिकाव्य और प्रबन्धकाव्य निर्माताओं में महत्वपूर्ण स्थान है। इनका समय ई. सन् १५०८ है । कविने 'नेमिजिनेश्वर संगीत' और 'सम्यक्त्व कौमुदी' ग्रन्थोंकी रचना की है। नेमिजिनेश्वर संगीत में संगीतकी अपूर्व छटा उपलब्ध होती है । सभी राग रागनियां उनके चरणोंपर लोटती हैं ।
Acharyatulya Mangras 16th Century (Prachin)
Sanjul Jain Created Wiki Page Maharaj ji On Date 3 June 2022
Digjainwiki is Thankful to
Balikai Shashtri ( Bahubali - Kholapur)
Neminath Ji Shastri ( Bahubali - Kholapur)
for referring the books to the project.
Author :- Pandit Nemichandra Shashtri - Jyotishacharya
Acharya Shanti Sagar Channi GranthMala
#Mangras
15000
#Mangras
Mangras
You cannot copy content of this page