नथमल विलाला आगराके रहनेवाले थे। इन्होंने वि० सं० १८२७ में 'वसंगचरितभाषा' की रचना करनेवाले अटेरनिवासी पाण्डेय लालचन्द्रको सहायता प्रदान की थी।' नथमलके पिताका नाम शोभाचन्द्र था और गोत्र पिलाला, ये प्रतिभाशाली कवि थे । इनकी रचनाएं निम्न लिखित हैं : १. सिद्धान्तसारदीपक (वि० सं० १८२४) २. जिनगणविलास ३. नागकुमारचरित (वि० सं० १८३४) ४. जीवंधरचरित (वि० सं० १८३५) ५. जम्बूस्वामीचरित
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परिचय
नथमल विलाला
नथमल विलाला आगराके रहनेवाले थे। इन्होंने वि० सं० १८२७ में 'वसंगचरितभाषा' की रचना करनेवाले अटेरनिवासी पाण्डेय लालचन्द्रको सहायता प्रदान की थी।' नथमलके पिताका नाम शोभाचन्द्र था और गोत्र पिलाला, ये प्रतिभाशाली कवि थे । इनकी रचनाएं निम्न लिखित हैं : १. सिद्धान्तसारदीपक (वि० सं० १८२४) २. जिनगणविलास ३. नागकुमारचरित (वि० सं० १८३४) ४. जीवंधरचरित (वि० सं० १८३५) ५. जम्बूस्वामीचरित
नथमल विलाला आगराके रहनेवाले थे। इन्होंने वि० सं० १८२७ में 'वसंगचरितभाषा' की रचना करनेवाले अटेरनिवासी पाण्डेय लालचन्द्रको सहायता प्रदान की थी।' नथमलके पिताका नाम शोभाचन्द्र था और गोत्र पिलाला, ये प्रतिभाशाली कवि थे । इनकी रचनाएं निम्न लिखित हैं : १. सिद्धान्तसारदीपक (वि० सं० १८२४) २. जिनगणविलास ३. नागकुमारचरित (वि० सं० १८३४) ४. जीवंधरचरित (वि० सं० १८३५) ५. जम्बूस्वामीचरित