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#NaysenPrachin
नयसेनका समय ई० सन् १९२५ है। इन्होंने धर्मामृत, समयपरीक्षा और धर्मपरीक्षा ग्रन्थोंकी रचना की है। इन्होंने धारवाड़ जिलेके मलगन्दा नामक स्थानको अपने जन्मसे सुशोभित किया था । उत्तरवर्ती कवियों ने इन्हें 'सुकवि निकरपिकमाकन्द', 'सुकविजनमानसरोजराजहंस' और 'वात्सल्यरत्नाकर' आदि विशेषणोंसे विभूषित किया है। इनके गुरु नरेन्द्रसेन थे। इनके द्वारा रचित बर्मामत श्रावकधर्मका प्रसिद्ध ग्रन्थ है। कविने इसमें धर्मोदबोधनके हेतु कथाएं भी लिखी हैं। इनकी भाषा संस्कृत मिश्रित कन्नड़ है । इनका परिचय विस्तारपूर्वक पहले लिखा जा चुका है।
नयसेनका समय ई० सन् १९२५ है। इन्होंने धर्मामृत, समयपरीक्षा और धर्मपरीक्षा ग्रन्थोंकी रचना की है। इन्होंने धारवाड़ जिलेके मलगन्दा नामक स्थानको अपने जन्मसे सुशोभित किया था । उत्तरवर्ती कवियों ने इन्हें 'सुकवि निकरपिकमाकन्द', 'सुकविजनमानसरोजराजहंस' और 'वात्सल्यरत्नाकर' आदि विशेषणोंसे विभूषित किया है। इनके गुरु नरेन्द्रसेन थे। इनके द्वारा रचित बर्मामत श्रावकधर्मका प्रसिद्ध ग्रन्थ है। कविने इसमें धर्मोदबोधनके हेतु कथाएं भी लिखी हैं। इनकी भाषा संस्कृत मिश्रित कन्नड़ है । इनका परिचय विस्तारपूर्वक पहले लिखा जा चुका है।
#NaysenPrachin
आचार्यतुल्य नैसेन 20वीं शताब्दी (प्राचीन)
संजुल जैन ने महाराज जी का विकी पेज बनाया है तारीख 3 जून 2022
दिगजैनविकी आभारी है
बालिकाई शास्त्री (बाहुबली-कोल्हापुर )
नेमिनाथ जी शास्त्री (बाहुबली-कोल्हापुर )
परियोजना के लिए पुस्तकों को संदर्भित करने के लिए।
लेखक:- पंडित श्री नेमीचंद्र शास्त्री-ज्योतिषाचार्य
आचार्य शांति सागर छानी ग्रंथ माला
Sanjul Jain Created Wiki Page Maharaj ji On Date 3 June 2022
Digjainwiki is Thankful to
Balikai Shashtri ( Bahubali - Kholapur)
Neminath Ji Shastri ( Bahubali - Kholapur)
for referring the books to the project.
Author :- Pandit Nemichandra Shashtri - Jyotishacharya
Acharya Shanti Sagar Channi GranthMala
नयसेनका समय ई० सन् १९२५ है। इन्होंने धर्मामृत, समयपरीक्षा और धर्मपरीक्षा ग्रन्थोंकी रचना की है। इन्होंने धारवाड़ जिलेके मलगन्दा नामक स्थानको अपने जन्मसे सुशोभित किया था । उत्तरवर्ती कवियों ने इन्हें 'सुकवि निकरपिकमाकन्द', 'सुकविजनमानसरोजराजहंस' और 'वात्सल्यरत्नाकर' आदि विशेषणोंसे विभूषित किया है। इनके गुरु नरेन्द्रसेन थे। इनके द्वारा रचित बर्मामत श्रावकधर्मका प्रसिद्ध ग्रन्थ है। कविने इसमें धर्मोदबोधनके हेतु कथाएं भी लिखी हैं। इनकी भाषा संस्कृत मिश्रित कन्नड़ है । इनका परिचय विस्तारपूर्वक पहले लिखा जा चुका है।
Acharyatulya Naysen 20th Century (Prachin)
Sanjul Jain Created Wiki Page Maharaj ji On Date 3 June 2022
Digjainwiki is Thankful to
Balikai Shashtri ( Bahubali - Kholapur)
Neminath Ji Shastri ( Bahubali - Kholapur)
for referring the books to the project.
Author :- Pandit Nemichandra Shashtri - Jyotishacharya
Acharya Shanti Sagar Channi GranthMala
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15000
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NaysenPrachin
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