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#Tekchand
हिन्दी वर्चानकाकारों में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। टीकाकार होने के साथ ये कवि भी हैं । कथाकोशछन्दोबद्ध, बुधप्रकाशछन्दोबद्ध तथा कई पूजाएं पाबद्ध हैं। बमिकाओं में तत्त्वार्थकी श्रुतसागरी टीकाकी वनिका, सं० १८३७ में और सुदृष्टि तरंगिणौकी बचनिका सं० १८३८ में लिखी है । 'षटपाहड'की वचनिका भी इनकी उपलब्ध है।
हिन्दी वर्चानकाकारों में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। टीकाकार होने के साथ ये कवि भी हैं । कथाकोशछन्दोबद्ध, बुधप्रकाशछन्दोबद्ध तथा कई पूजाएं पाबद्ध हैं। बमिकाओं में तत्त्वार्थकी श्रुतसागरी टीकाकी वनिका, सं० १८३७ में और सुदृष्टि तरंगिणौकी बचनिका सं० १८३८ में लिखी है । 'षटपाहड'की वचनिका भी इनकी उपलब्ध है।
#Tekchand
आचार्यतुल्य टेकचंद 19वीं शताब्दी (प्राचीन)
संजुल जैन ने महाराज जी का विकी पेज बनाया है तारीख 2 जून 2022
दिगजैनविकी आभारी है
बालिकाई शास्त्री (बाहुबली-कोल्हापुर )
नेमिनाथ जी शास्त्री (बाहुबली-कोल्हापुर )
परियोजना के लिए पुस्तकों को संदर्भित करने के लिए।
लेखक:- पंडित श्री नेमीचंद्र शास्त्री-ज्योतिषाचार्य
आचार्य शांति सागर छानी ग्रंथ माला
Sanjul Jain Created Wiki Page Maharaj ji On Date 2 June 2022
Digjainwiki is Thankful to
Balikai Shashtri ( Bahubali - Kholapur)
Neminath Ji Shastri ( Bahubali - Kholapur)
for referring the books to the project.
Author :- Pandit Nemichandra Shashtri - Jyotishacharya
Acharya Shanti Sagar Channi GranthMala
हिन्दी वर्चानकाकारों में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। टीकाकार होने के साथ ये कवि भी हैं । कथाकोशछन्दोबद्ध, बुधप्रकाशछन्दोबद्ध तथा कई पूजाएं पाबद्ध हैं। बमिकाओं में तत्त्वार्थकी श्रुतसागरी टीकाकी वनिका, सं० १८३७ में और सुदृष्टि तरंगिणौकी बचनिका सं० १८३८ में लिखी है । 'षटपाहड'की वचनिका भी इनकी उपलब्ध है।
Acharyatulya Tekchand 19th Century (Prachin)
Sanjul Jain Created Wiki Page Maharaj ji On Date 2 June 2022
Digjainwiki is Thankful to
Balikai Shashtri ( Bahubali - Kholapur)
Neminath Ji Shastri ( Bahubali - Kholapur)
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Author :- Pandit Nemichandra Shashtri - Jyotishacharya
Acharya Shanti Sagar Channi GranthMala
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