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#Vamanmuni
वामनमुनिके समयके सम्बन्धमें निश्चित जानकारी नहीं है। रचनाशैली और भाषाकी दृष्टिसे इनका समय ई० सन् १२ वी १३ वीं शती अनुमानित होता है। इन्होंने मेमन्दरपुराण नामक ग्रन्थकी रचना की है। इस काव्यमें विमलनाथ तीर्थंकरके दो गणधर मेरु और मन्दरके पूर्वभवोंका वर्णन है। इस प्रन्थमें जैनदर्शन, आचार और लोकानुयोगका सुन्दर विवेचन आया है । पूर्व जन्मोंको वर्णन पद्धति प्रभावक और शिक्षाप्रद है। इसमें संस्कृत और प्राकृतकी शब्दावली भी प्रचुर परिमाणमें प्राप्त हैं।
वामनमुनिके समयके सम्बन्धमें निश्चित जानकारी नहीं है। रचनाशैली और भाषाकी दृष्टिसे इनका समय ई० सन् १२ वी १३ वीं शती अनुमानित होता है। इन्होंने मेमन्दरपुराण नामक ग्रन्थकी रचना की है। इस काव्यमें विमलनाथ तीर्थंकरके दो गणधर मेरु और मन्दरके पूर्वभवोंका वर्णन है। इस प्रन्थमें जैनदर्शन, आचार और लोकानुयोगका सुन्दर विवेचन आया है । पूर्व जन्मोंको वर्णन पद्धति प्रभावक और शिक्षाप्रद है। इसमें संस्कृत और प्राकृतकी शब्दावली भी प्रचुर परिमाणमें प्राप्त हैं।
#Vamanmuni
आचार्यतुल्य वामनमुनि 13वीं शताब्दी (प्राचीन)
संजुल जैन ने महाराज जी का विकी पेज बनाया है तारीख 4 जून 2022
दिगजैनविकी आभारी है
बालिकाई शास्त्री (बाहुबली-कोल्हापुर )
नेमिनाथ जी शास्त्री (बाहुबली-कोल्हापुर )
परियोजना के लिए पुस्तकों को संदर्भित करने के लिए।
लेखक:- पंडित श्री नेमीचंद्र शास्त्री-ज्योतिषाचार्य
आचार्य शांति सागर छानी ग्रंथ माला
Sanjul Jain Created Wiki Page Maharaj ji On Date 4 June 2022
Digjainwiki is Thankful to
Balikai Shashtri ( Bahubali - Kholapur)
Neminath Ji Shastri ( Bahubali - Kholapur)
for referring the books to the project.
Author :- Pandit Nemichandra Shashtri - Jyotishacharya
Acharya Shanti Sagar Channi GranthMala
वामनमुनिके समयके सम्बन्धमें निश्चित जानकारी नहीं है। रचनाशैली और भाषाकी दृष्टिसे इनका समय ई० सन् १२ वी १३ वीं शती अनुमानित होता है। इन्होंने मेमन्दरपुराण नामक ग्रन्थकी रचना की है। इस काव्यमें विमलनाथ तीर्थंकरके दो गणधर मेरु और मन्दरके पूर्वभवोंका वर्णन है। इस प्रन्थमें जैनदर्शन, आचार और लोकानुयोगका सुन्दर विवेचन आया है । पूर्व जन्मोंको वर्णन पद्धति प्रभावक और शिक्षाप्रद है। इसमें संस्कृत और प्राकृतकी शब्दावली भी प्रचुर परिमाणमें प्राप्त हैं।
Acharyatulya Vamanmuni 13th Century (Prachin)
Sanjul Jain Created Wiki Page Maharaj ji On Date 4 June 2022
Digjainwiki is Thankful to
Balikai Shashtri ( Bahubali - Kholapur)
Neminath Ji Shastri ( Bahubali - Kholapur)
for referring the books to the project.
Author :- Pandit Nemichandra Shashtri - Jyotishacharya
Acharya Shanti Sagar Channi GranthMala
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15000
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