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#AmurtMatiMataJiVardhmanSagarjiMaharaj
Aryika Shri 105 Amurtmati Mataji was born in the house of Shri Kantil lal Jain and Smt. Ichha ben.
The life style of Mata Ji even after marriage is very simple and Sobber.Mata ji took brahmacharya vrat in bhavnagar from Aacharya Shri 108 Virag Sagar Ji Maharaj then after in 2010 she took Kshullika diksha from Aryika Shri 105 Prashant Mati Mata Ji at Kunthalgiri.In 2015 Aacharya Shri 108 Vardhaman Sagar Ji maharaj gave Aryika Diksha to you at Kishangarh, Rajasthan.
श्रीमती इच्छा बहन कांतिलाल जी भावनगर की पुत्री श्री प्रमिला जैन का विवाह श्री पूनम चंद जी जैन से हुआ था आपकी दो पुत्रियों ने दीक्षा ली छोटी पुत्री बाल ब्रह्मचारिणी भावना दीदी ने आचार्य श्री वर्धमान सागर जी से भावना बहन ने भींडर में दीक्षा ली तथा आर्यिका श्री वर्धित मति जी बनी। वही बड़ी पुत्री बाल ब्रह्मचारिणी पंकज दीदी ने मुनि श्री दया सागर जी से आर्यिका दीक्षा ली थी और आपका नाम आर्यिका श्री प्रशांत मति किया गया।आपके पिताजी ने भी मुनि दीक्षा ली थी उनका नाम श्री धर्म कीर्ति सागर था। वर्ष 2015 में आपने आज वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर जी से किशनगढ़ में आर्यिका दीक्षा ली और आपका नाम आर्यिका श्रीअमूर्त मति माताजी रखा गया। आपने दो प्रतिमा के नियम श्रवणबेलगोला में आचार्य श्री वर्धमान सागर जी से ग्रहण किए और वर्ष 2010 में कुंथल गिरी में आ श्री प्रशांत मति माताजी से क्षुल्लिका दीक्षा ग्रहण की ।एक प्रसंग याद आता है कि जब प्रमिला जी का विवाह हुआ तब आपके पिताजी ने आपको दहेज में कमंडल और शास्त्र दिए थे उसका संस्कार यह हुआ कि आपका पूरा परिवार सन्यास मार्ग पर चल पड़ा और सभी ने दीक्षा ली और एक संयोग है कि आप की समाधि के पहले आपकी दोनों पुत्री जो कि आर्यिका श्री वर्धित मतिजी और आ श्री प्रशांत मति जी थी। उन दोनों की भी समाधि हो चुकी है।उल्लेखनीय है कि आपने गृहस्थ अवस्था की अपनी बेटी से क्षुल्लिका दीक्षा ली थी। आपकी समाधि पर कोटिश वंदामी
1.)माता - श्रीमति इच्छाबेन जी
2.)पिता - श्री कान्तिलाल जी
3.)आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत - भाव नगर मे, आचार्य विराग सागर जी से
4.)प्रतिमा व्रत - , २ प्रतिमा व्रत श्रवणबेलगोला मे आचार्य श्री १०८ वर्धमान सागर जी से
5.)क्षुल्लिका दीक्षा - सन् २०१०,कुन्थलगिरी मे, ( आर्यिका श्री प्रशान्तमति माता जी से)
6.) आर्यिका दीक्षा - सन् 2015,किशनगढ़ मे, (आचार्य श्री वर्धमानसागर जी से)
86 वर्षीय आर्यिकाश्री अमृत मति माताजी की पांच उपवास के बाद समाधि मरण. वात्सल्य वारिधि पंचम पट्टाधीश 108 आचार्य श्री वर्धमान सागर जी से सन 2015 किशनगढ़ में दीक्षित आ, श्री अमूर्त मति माताजी के कमजोर स्वास्थ्य के कारण संबोधन देकर चारो प्रकार के आहार जल का 5 दिन पूर्व त्याग किया था। आज पांचवें दिन यम सल्लेखना के अंतर्गत गुजरात ईडर में 25 जनवरी 2023 दोपहर को समाधि मरण हो गया है।
Father: Muni Shri 108 Dharmkirti Sagarji Maharaj
2 Daughter's: Aryika Shri 105 Vardhitmati Mataji and Aryika Shri 105 Prashantmati Mataji
#AmurtMatiMataJiVardhmanSagarjiMaharaj
आर्यिका श्री १०५ अमूर्तमति माताजी
Acharya Shri 108 Vardhaman Sagarji Maharaj 1950 (Vatsalya Viridhi)
आचार्य श्री १०८ वर्धमान सागरजी महाराज १९५० (वात्सल्य विरुद्ध) Acharya Shri 108 Vardhaman Sagarji Maharaj 1950 (Vatsalya Viridhi)
VardhamansagarjiDharmsagarji
Aryika Shri 105 Amurtmati Mataji was born in the house of Shri Kantil lal Jain and Smt. Ichha ben.
The life style of Mata Ji even after marriage is very simple and Sobber.Mata ji took brahmacharya vrat in bhavnagar from Aacharya Shri 108 Virag Sagar Ji Maharaj then after in 2010 she took Kshullika diksha from Aryika Shri 105 Prashant Mati Mata Ji at Kunthalgiri.In 2015 Aacharya Shri 108 Vardhaman Sagar Ji maharaj gave Aryika Diksha to you at Kishangarh, Rajasthan.
Aryika Shri 105 Amurt mati mata ji was born in the house of Shri Kantil lal Jain and Smt. Ichha ben.
The life style of Mata Ji even after marriage is very simple and Sobber.Mata ji took brahmacharya vrat in bhavnagar from Aacharya Shri 108 Virag Sagar Ji Maharaj then after in 2010 she took Kshullika diksha from Aryika Shri 105 Prashant Mati Mata Ji at Kunthalgiri.In 2015 Aacharya Shri 108 Vardhaman Sagar Ji maharaj gave Aryika Diksha to you at Kishangarh, Rajasthan.
Samadhi Maran of 86 year old Aryikashri Amrit Mati Mataji after five fasts. Vatsalya Varidhi Pancham Pattadhish 108 after receiving initiation from Acharya Shri Vardhaman Sagar ji in Kishangarh in 2015, due to weak health of Shri Amurt Mati Mataji, she gave up all four types of food and water 5 days ago. On the fifth day under Yam Sallekhana, she had samadhi at Gujarat Eider on 25 January 2023 in afternoon.
Father: Muni Shri 108 Dharmkirti Sagarji Maharaj
2 Daughter's: Aryika Shri 105 Vardhitmati Mataji and Aryika Shri 105 Prashantmati Mataji
Aryika Shri 105 Amurtmati Mataji
आचार्य श्री १०८ वर्धमान सागरजी महाराज १९५० (वात्सल्य विरुद्ध) Acharya Shri 108 Vardhaman Sagarji Maharaj 1950 (Vatsalya Viridhi)
आचार्य श्री १०८ वर्धमान सागरजी महाराज १९५० (वात्सल्य विरुद्ध) Acharya Shri 108 Vardhaman Sagarji Maharaj 1950 (Vatsalya Viridhi)
Acharya Shri 108 Vardhaman Sagarji Maharaj 1950 (Vatsalya Viridhi)
Aacharya Shree 108 Vardhman Sagarji Maharaj
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VardhamansagarjiDharmsagarji
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