हैशटैग
#Anantmatiji1991GyanmatiMataji1934
Aryika Shri 105 Anantmati Mataji received Initiation from Ganini Aryika Shri 105 Gyanmati Mataji on 22 July 2024 at Ayodhya, Uttar Pradesh.
आर्यिका श्री १०५ अनंतमति माताजी का जन्म २७ अप्रैल १९९१ को उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में हुआ। उनका पूर्व नाम ब्राह्मचारिनी कु. श्रेया जैन था। वे दिगंबर जैन पद्मावती पुरवाल जाति से संबंधित हैं। माताजी की माता का नाम श्रीमती सुलोचना जैन और पिता का नाम स्व. श्री धर्मचंद्र जैन था। उन्होंने एम.कॉम. तक की शिक्षा प्राप्त की। उनके परिवार में एक भाई और तीन बहनें हैं, और वे परिवार में तीसरी संतान हैं। ५ जुलाई २०१४ को उन्होंने जंबूद्वीप, हस्तीनापुर, उत्तर प्रदेश में संघ प्रवेश किया और ७ जुलाई २०१४ को वहां ही जीवनभर ब्रह्मचर्य व्रत लिया, जिसे गणिनी प्रमुख आर्यिका श्री १०५ ज्ञानमती माताजी ने प्रदान किया। ७ अगस्त २०१४ को उन्होंने जंबूद्वीप, हस्तीनापुर में दो प्रतिमा व्रत लिया और ६ मार्च २०१४ को वहां सप्तम प्रतिमा व्रत लिया। २०१९ में उन्होंने अयोध्या में गृहत्याग किया। २२ जुलाई २०२४ को अयोध्या में आर्यिका दीक्षा लेकर वे आर्यिका श्री १०५ अनंतमति माताजी के नाम से प्रसिद्ध हुईं।
#Anantmatiji1991GyanmatiMataji1934
आर्यिका श्री १०५ अनंतमती माताजी
Ganini Aryika Shri 105 Gyanmati Mataji 1934
गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री १०५ ज्ञानमती माताजी Ganinipramukh Aryika Shri 105 Gyanmati Mataji
GyanmatiMataji1934VeersagarJiMaharaj
Aryika Shri 105 Anantmati Mataji received Initiation from Ganini Aryika Shri 105 Gyanmati Mataji on 22 July 2024 at Ayodhya, Uttar Pradesh.
Aryika Shri 105 Anantmati Mataji was born on April 27, 1991, in Firozabad, Uttar Pradesh. Her previous name was Brahmacharini Ku. Shreya Jain. She belongs to the Digambar Jain Padmavati Purwal community. Her mother's name is Smt. Sulochana Jain, and her father's name was Late Shri Dharmachandra Jain. She completed her M.Com. She has one brother and three sisters, and she is the third child in the family. On July 5, 2014, she entered the Sangh at Jambudweep, Hastinapur, Uttar Pradesh, and on July 7, 2014, she took the lifelong Brahmacharya vow there, which was conferred upon her by Ganini Pramukh Aryika Shri 105 Gyanmati Mataji. On August 7, 2014, she took the two Pratima vow at Jambudweep, Hastinapur, and on March 6, 2014, she took the seventh Pratima vow there. In 2019, she renounced her home in Ayodhya. On July 22, 2024, she received her Aryika Diksha in Ayodhya, Uttar Pradesh, and thereafter became known as Aryika Shri 105 Anantmati Mataji.
Aryika Shri 105 Anantmati Mataji
गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री १०५ ज्ञानमती माताजी Ganinipramukh Aryika Shri 105 Gyanmati Mataji
गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री १०५ ज्ञानमती माताजी Ganinipramukh Aryika Shri 105 Gyanmati Mataji
Ganini Aryika Shri 105 Gyanmati Mataji 1934
Ganini Aryika Shri 105 Gyanmati Mataji
#Anantmatiji1991GyanmatiMataji1934
GyanmatiMataji1934VeersagarJiMaharaj
#Anantmatiji1991GyanmatiMataji1934
Anantmatiji1991GyanmatiMataji1934
You cannot copy content of this page