आर्यिका दयामतीजी आपका जन्म सागर (गोपालगंज) में हुआ। पिताजी का नाम सिंघई श्री गोरेलालजी था । शिक्षा सामान्य थी, किन्तु धार्मिक कार्यों व्रत उपवास में प्रारम्भ से रुचि थी। हिलगन जिला सागर निवासी सि. छोटेलालजी के साथ विवाह सम्पन्न हुआ था। कुछ समय बाद ही वैधव्य का वज्राघात हो गया। माता कनकमतीजी के सम्पर्क हो जाने से आचार्य श्री शिवसागर महाराज से आर्यिका दीक्षा ग्रहण करली । अभी मुनि श्री १०८ अजितसागरजी के संघ में विराजमान हैं।