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#SanmatimatiMataJi(Bangothari)ShivSagarJiMaharaj
Aryika Shri 105 Sanmatimati Mataji was born in Bangothari, Rajasthan. Her name was Kamla Bai before diksha. She received the initiation from Acharya Shri 108 Shiv Sagarji Maharaj.
पूज्य १०५ श्री सन्मति माताजी का जन्म वि. सं० १९७७ चैत्र शुक्ला नवमी को बनगोठडी गाँव में हुआ । आपके पिता का नाम भूरामलजी कासलीवाल था और माता का नाम सूरजबाई था और आपका नाम कमलाबाई रक्खा । आपके दो भाई और एक बहन हैं। माताजी का विवाह अल्पायु में ही श्री किस्तूरचन्दजी काला के साथ हुआ था आपके एक पुत्री हुई जिसका नाम गुणमाला है । आप घर संपन्न परिवार वाली हैं, भोग सामग्री की सुविधाओं की कोई कमी नहीं थी अतः गृहस्थाश्रम सुख से व्यतीत हो रहा था, किन्तु दुर्दैव को यह सहन नहीं हुआ स्वल्प काल में ही आपके पति का स्वर्गवासहो गया । युवावस्था में जिन्हें यह दुःख प्राप्त हो जाता है उस दु:ख का अनुभव भुक्त भोगी ही जानता है अन्य नहीं। किन्तु आपने अपने जीवन को धर्माचरण की तरफ मोड़ा और साधु संसर्ग से अपने को संसार पथ से त्याग के पथ पर चलाया।
मन में वैराग्य की भावना उत्तरोत्तर बढ़ने लगी और १०८ श्री ज्ञानसागरजी महाराज से दूसरी तथा पांचवीं प्रतिमा के व्रतों को ग्रहण कर लिया। इतने से शान्ति न मिली और पूज्यपाद आचार्य १०८ श्री शिवसागरजी महाराज से वि० सं० २०२२ में कातिक शुक्ला १० को क्षुल्लिका दीक्षा ली और पश्चात् आठ महीने बाद ही आ० श्री शिवसागरजी म० से आर्यिका की दीक्षा ग्रहण की। वर्तमान में ज्ञान और चारित्र की उत्तरोत्तर वृद्धि करती हुई आप धर्म ध्यान में रत रहती हैं । आपका कार्य स्वाध्याय और जाप करना ही है आप जाप का कार्य विशेष करती रहती हैं । आपका उपदेश भी कथानक के रूप में अच्छा होता है।
Book written by Pandit Dharmchandra Ji Shashtri -Digambar Jain Sadhu
#SanmatimatiMataJi(Bangothari)ShivSagarJiMaharaj
Book written by Pandit Dharmchandra Ji Shashtri -Digambar Jain Sadhu
आर्यिका श्री १०५ सन्मतिमती माताजी
Aacharya Shri 108 Shiv Sagar Ji Maharaj 1901
आचार्य श्री १०८ शिव सागर जी महाराज १९०१ Aacharya Shri 108 Shiv Sagar Ji Maharaj 1901
ShivSagarJiMaharaj1901VeersagarJi
Aryika Shri 105 Sanmatimati Mataji was born in Bangothari, Rajasthan. Her name was Kamla Bai before diksha. She received the initiation from Acharya Shri 108 Shiv Sagarji Maharaj.
Book written by Pandit Dharmchandra Ji Shashtri -Digambar Jain Sadhu
Aryika Shri 105 Sanmatimati Mataji
आचार्य श्री १०८ शिव सागर जी महाराज १९०१ Aacharya Shri 108 Shiv Sagar Ji Maharaj 1901
आचार्य श्री १०८ शिव सागर जी महाराज १९०१ Aacharya Shri 108 Shiv Sagar Ji Maharaj 1901
Aacharya Shri 108 Shiv Sagar Ji Maharaj 1901
Acharya Shri 108 Shiv Sagarji Maharaj
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ShivSagarJiMaharaj1901VeersagarJi
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SanmatimatiMataJi(Bangothari)ShivSagarJiMaharaj
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