Aryika Shri 105 Shantimati Mata ji was born in Nasirabad,Rajasthan.Her name was Kundan bai before diksha.She received the initiation from Acharya Shri 108 Veer Sagar Ji Maharaj.
श्री १०५ आर्यिका शान्तिमतीजी का गृहस्थ अवस्था का नाम कुन्दनबाई था। आपका आज से लगभग पचपन वर्ष पूर्व नसीराबाद ( राजस्थान ) में हआ था । आपके पिता श्री रोडमलजी थे तथा माताजी बसन्तीबाई थी। आप खण्डेलवाल जाति के भूषण हैं। आपका जन्म गगवाल परिवार में हुआ था । विवाह बम्ब गोत्रमें हुआ था । आपके परिवार में दो भाई हैं । आपकी लौकिक शिक्षा साधारण हुई । आपके पति हीरा-जवाहरात का व्यावसाय करते हैं ।
आत्मकल्याण:
श्री १०५ आर्यिका सुपार्श्वमतीजी की सत्प्रेरणा से प्रभावित होकर आत्मकल्याण हेतु जयपुर में क्षुल्लिका दीक्षा ली। बाद में नागौर में श्री १०८ आचार्य वीरसागरजी से आर्यिका दीक्षा ग्रहण कर ली। आपके चातुर्मास पदमपुरी, सुजानगढ़, नागौर, अजमेर आदि स्थानों पर हुए । आप दूध के अलावा पाँचों रसों का त्याग कर दिया है। आप संयम और विवेक शीला हैं । देश और समाज को सन्मति के सन्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती रहें।
Aryika Shri 105 Shantimati Mata ji was born in Nasirabad,Rajasthan.Her name was Kundan bai before diksha.She received the initiation from Acharya Shri 108 Veer Sagar Ji Maharaj.