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#ElacharyaShriTrilokbhusanJiMaharajLalitpurVidyabhusanSanmatiSagarJi
Elacharya Shri 108 Trilokbhusanji Maharaj was born in Lalitpur, Uttar Pradesh. His name was Ashok Ji before diksha. He received initiation from Acharya Shri 108 Sanmati Sagar Ji Maharaj (Vidyabhusan).
प्रभावना : कुछ प्रसंग एवं संदेश : वर्ष 2000 में, मुनिश्री त्रिलोकभूषणजी महाराज एवं मुनिश्री अतिवीरसागरजी महाराज के मंगलचातुर्मास की स्थापना 10 जुलाई 2006 को, अतिथि भवन, गली नं.6, कैलाशनगर-दिल्ली में | श्रमण परंपरा के अनुसार विधि-विधानपूर्वक की गई। इस अवसर पर आचार्यश्री विवेकसागरजी महाराज और आचार्यश्री मेरुभूषणजी महाराज का पावन सान्निध्य प्राप्त हुआ। दिल्ली में चातुर्मास के समय में मुनिद्वय के सान्निध्य में, अनेक आयोजनों सहित 14 अक्टूबर 2006 को वंदना विधि- विधान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में मुनिश्री त्रिलोकभूषणजी महाराज ने अपने संदेश में कहा कि आचार्यश्री कुंदकुंद स्वामी ने चारित्र प्राभृतम् गाथा 20 में कहा है - "चारित्राचार दो प्रकार का होता है - सागार और निरागार। सागार तो परिग्रहसहित श्रावक को होता है और निरागार परिग्रहरहित मुनि के होता है। इस प्रकार जिन शासन में दो ही मार्ग हैं। इनके सिवाय कोई मार्ग नहीं है।” मुनिश्री त्रिलोकभूषणजी महाराज के 2010 के कैलाशनगर-दिल्ली के चातुर्मास के समय, अन्य आयोजनों के अलावा, 5 से 15 वर्षों तक की आयुवाले 155 बालकों-बालिकाओं ने भक्तिभावपूर्वक अष्ट द्रव्य से विधिपूर्वक पूजन करने की परीक्षा प्राप्त की। इस पूजन प्रशिक्षण शिविर से बच्चों में धर्म की अच्छी प्रभावना हुई है।
त्रिलोक शिवभक्ति संग्रह (प्रतिक्रमण पाठ), त्रिलोक पूजन भक्ति (जिनवाणी मां),आर्या आर्यिका एवं सूतक-पातक, सम्यक्दर्शन, क्या खाएं-क्या न खाएं-कैसा खाएं, आचार्य कुंदकुंद स्वामी एवं आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज में समानताएं एवं भिन्नताएं, मूलाचार (साधुओं का आचरण ग्रंथ)
#ElacharyaShriTrilokbhusanJiMaharajLalitpurVidyabhusanSanmatiSagarJi
एलाचार्य श्री १०८ त्रिलोकभूषणजी महाराज (ललितपुर)
Acharya Shri 108 Vidyabhushan Sanmati Sagar Ji Maharaj 1949
आचार्य श्री १०८ विद्याभूषण सन्मति सागरजी महाराज 1949 Acharya Shri 108 Vidyabhushan Sanmati Sagarji Maharaj 1949
Badagaon-Khekra (2001), Naveen Shahdara-Delhi (2002), Ghaziabad (2005), Kailashanagar-Delhi, Badagaon-Khekra (Three), Kailashanagar-Delhi, Noida, Baragaon Khekra (Three), Muzaffarnagar, Noida, Bargaon-Khekra (2017)
VidyabhushanSanmatiSagarJiMaharaj1949ShriSumatiSagarJi
Elacharya Shri 108 Trilokbhusanji Maharaj was born in Lalitpur, Uttar Pradesh. His name was Ashok Ji before diksha. He received initiation from Acharya Shri 108 Sanmati Sagar Ji Maharaj (Vidyabhusan).
त्रिलोक शिवभक्ति संग्रह (प्रतिक्रमण पाठ), त्रिलोक पूजन भक्ति (जिनवाणी मां),आर्या आर्यिका एवं सूतक-पातक, सम्यक्दर्शन, क्या खाएं-क्या न खाएं-कैसा खाएं, आचार्य कुंदकुंद स्वामी एवं आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज में समानताएं एवं भिन्नताएं, मूलाचार (साधुओं का आचरण ग्रंथ)
Elacharya Shri 108 Trilokbhusanji Maharaj (Lalitpur)
आचार्य श्री १०८ विद्याभूषण सन्मति सागरजी महाराज 1949 Acharya Shri 108 Vidyabhushan Sanmati Sagarji Maharaj 1949
आचार्य श्री १०८ विद्याभूषण सन्मति सागरजी महाराज 1949 Acharya Shri 108 Vidyabhushan Sanmati Sagarji Maharaj 1949
Acharya Shri 108 Vidyabhushan Sanmati Sagar Ji Maharaj 1949
Badagaon-Khekra (2001), Naveen Shahdara-Delhi (2002), Ghaziabad (2005), Kailashanagar-Delhi, Badagaon-Khekra (Three), Kailashanagar-Delhi, Noida, Baragaon Khekra (Three), Muzaffarnagar, Noida, Bargaon-Khekra (2017)
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