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#Bhavyamatiji1946GyanmatiMataji1934
Kshullika Shri 105 Bhavyamati Mataji received Initiation from Ganini Aryika Shri 105 Gyanmati Mataji on 22 July 2024 at Ayodhya, Uttar Pradesh.
क्षुल्लिका श्री १०५ भव्यमति माताजी का पूर्व नाम श्रीमती राजमाला जैन था। उनका जन्म १७ जुलाई १९४६ को मेरठ, उत्तर प्रदेश में हुआ। वे दिगंबर जैन अग्रवाल जाति से संबंधित हैं और उनका गोत्र गर्ग है। उनकी माता का नाम स्व. श्रीमती रामदुलारी जैन और पिता का नाम स्व. श्री राजकुमार जैन था। माताजी ने एम ए (हिंदी) और एम ए (संस्कृत) में शिक्षा प्राप्त की थी। उनका परिवार तीन भाई और छह बहनों से युक्त था। उनका विवाह स्व. डाँ. पुरुषोत्तम बिंदल से हुआ था। २०२१ में उन्होंने ब्रह्मचर्य व्रत लिया, जो कि कनौट प्लेस, नई दिल्ली में संपन्न हुआ। आषाढ़ कृष्ण षष्ठी, २७ जून २९२४ को उन्होंने प्रतिमा व्रत लिया। २२ जुलाई २०२४ को अयोध्या, उत्तर प्रदेश में गणिनी प्रमुख आर्यिका श्री १०५ ज्ञानमती माताजी से क्षुल्लिका दीक्षा प्राप्त की। इसके पश्चात उनका नाम क्षुल्लिका श्री १०५ भव्यमति माताजी रखा गया। विशेष रूप से, उन्होंने १९६५ से २००९ तक स्कूल अध्यापिका के रूप में सेवा दी।
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क्षुल्लिका श्री १०५ भव्यमती माताजी
Ganini Aryika Shri 105 Gyanmati Mataji 1934
गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री १०५ ज्ञानमती माताजी Ganinipramukh Aryika Shri 105 Gyanmati Mataji
GyanmatiMataji1934VeersagarJiMaharaj
Kshullika Shri 105 Bhavyamati Mataji received Initiation from Ganini Aryika Shri 105 Gyanmati Mataji on 22 July 2024 at Ayodhya, Uttar Pradesh.
Kshullika Shri 105 Bhavyamati Mataji's former name was Shrimati Rajmala Jain. She was born on July 17, 1946, in Meerut, Uttar Pradesh. She belonged to the Digambar Jain Agarwal community, and her Gotra is Garg. Her mother's name was the late Shrimati Ramdulari Jain, and her father's name was the late Shri Rajkumar Jain. Mataji completed her M.A. in Hindi and M.A. in Sanskrit. She had three brothers and six sisters. She was married to the late Dr. Purushottam Bindal. In 2021, she took the Brahmacharya vow, which was performed at Connaught Place, New Delhi. On Ashadha Krishna Shashthi, June 27, 2924, she took the Pratima vow. On July 22, 2024, she received Kshullika Diksha from Ganini Pramukh Aryika Shri 105 Jnanmati Mataji in Ayodhya, Uttar Pradesh. Afterward, she was named Kshullika Shri 105 Bhavyamati Mataji. Notably, she served as a school teacher from 1965 to 2009.
Kshullika Shri 105 Bhavyamati Mataji
गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री १०५ ज्ञानमती माताजी Ganinipramukh Aryika Shri 105 Gyanmati Mataji
गणिनीप्रमुख आर्यिका श्री १०५ ज्ञानमती माताजी Ganinipramukh Aryika Shri 105 Gyanmati Mataji
Ganini Aryika Shri 105 Gyanmati Mataji 1934
Ganini Aryika Shri 105 Gyanmati Mataji
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