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#AadiSagarJiMaharaj(Bamhori)ShantiSagarJi(Chhani)
Muni Shri Aadi Sagar Ji Maharaj was born in village Bamhori,Bundelkhand,Madhya Pradesh.He received the initiation from Acharya Shri Shanti Sagar Ji Maharaj Chhani.
मुनि श्री आदिसागर जी महाराज
आपका जन्म बुन्देलखंड के अन्तर्गत बम्हौरी ग्राम में मिति कार्तिक सुदी 2 विक्रम संवत् 1941 में हुआ था। आपके पिताजी का नाम गोपालदास था और माता का नाम लटकारी था। आप गोला पूर्व चोसरा वंश के सुयोग्य जैन हैं। आपके आजा का नाम बहोरेलाल था। उनके यहां गोपालदास, मन्हेलाल, हलकाई, हजारीलाल और बारेलाल आदि 5 पुत्र थे। आप भी अपने 14 भाइयों में से मझले भाई हैं। भाइयों के नाम इस प्रकार हैं खूबचन्द, खुमान, मोतीलाल और छोटेलाल। आपका विवाह संवत् 1955 में 14 वर्ष की आयु में सरखड़ी में हुआ था। आप बचपन से ही सदाचारी थे। विवाह के समय से दो बार भोजन करना, रात्रि को पानी तक नहीं लेना और पूजन करने का आपका नियम था। आपने अध्ययन किसी पाठशाला में नहीं किया। निज का अनुभव ही कार्यकारी हुआ है। आप घी, धातु, गल्ला और कपड़ा का व्यापार करते थे। आपके सुयोग्य दो पुत्र हैं जो कि चिंतामन और धर्मचन्द, बम्हौरी में रहते हैं। आपके वंश द्वारा रेशंदीगिर के उद्धार का कार्य हुआ है। ऐसा जैन मित्र से ज्ञात हुआ है कि आपके पूर्वजों ने यहाँ जंगली झाड़ियाँ सफाई कराके नैनागिर क्षेत्र को प्रकाश में लाया था, फिर आपके द्वारा तो पूर्ण उद्धार हुआ है। पंच कल्याणक, गजरथ आदि बड़े मेले तो आपके प्रयत्न के सफल नमूने हैं। क्षेत्र की उन्नति करना आपका मामूली कार्य नहीं था बल्कि कठोर त्याग का फल था आपको बचपन में खुमान कहा करते थे और भविष्य में तो मान खोने वाले ही निकले।
आपने मिति ज्येष्ठ सुदी 5 संवत् 1948 को द्रोणागिर में मुनि अनंतसागर जी और शान्तिसागर जी महाराज छाणी से दूसरी प्रतिमा ली थी तब आपका नाम ब्र. खेमचन्द रखा। मिति आषाढ वदी 8 संवत् 1995 में अंजड़ बड़वानी में मुनि सुधर्मसागर जी से 7वीं प्रतिमा ली थी। फिर सागर में माघ मास के पर्दूषण पर्व संवत् 2000 में दशवीं प्रतिमा धारण की थी।
संवत् 2001 से वर्णी गणेशप्रसाद जी के संघ में रहकर जबलपुर में वीर जयन्ती पर वीर प्रभू के समक्ष क्षुल्लक दीक्षा ली और आपका नाम क्षुल्लक क्षेमसागर रखा गया। आपने क्षुल्लक दीक्षा से ही केश लोंच करना चालू कर दिया था। वर्णी जी तो आपके चारित्र की प्रशंसा किया ही करते थे।
मुनि दीक्षा
इसके पश्चात् आपने संवत् 2012 को श्री रेशंदीगिर गजरथ के दीक्षा कल्याणक के दिन भगवान आदिनाथ की दीक्षा के समय भगवान आदिनाथ के समक्ष मुनि दीक्षा धारण की तब उसी दिन मिति माघ सुदी 15 शनिवार को आपका नाम मुनि आदिसागर रखा गया।
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मुनि श्री १०८ आदि सागरजी महाराज
आचार्य श्री १०८ शांतिसागर छनी (उत्तर) १८८८ Acharya Shri 108 Shantisagar Chani (Uttar) 1888
Sanjul Jain created wiki page for Maharaj ji on 03-June-2021
ShantisagarChani(Uttar)1888
Muni Shri Aadi Sagar Ji Maharaj was born in village Bamhori,Bundelkhand,Madhya Pradesh.He received the initiation from Acharya Shri Shanti Sagar Ji Maharaj Chhani.
Muni Shri 108 Aadi Sagarji Maharaj (Bamhori)
आचार्य श्री १०८ शांतिसागर छनी (उत्तर) १८८८ Acharya Shri 108 Shantisagar Chani (Uttar) 1888
आचार्य श्री १०८ शांतिसागर छनी (उत्तर) १८८८ Acharya Shri 108 Shantisagar Chani (Uttar) 1888
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ShantisagarChani(Uttar)1888
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