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#CharitraSagarjiMaharaj1936VardhmaanSagarJi
Muni Shri 108 Charitra Sagar ji Maharaj was born on 27-July-1936 at Mogawa village near Sanawad in Khargone district of Madhya Pradesh and he took Initiation from Aacharya Shri 108 Vardhmaan Sagar Ji Maharaj on 25 November 1993 at Shri Kshetra Shravan Belgola.
मुनि श्री चारित्र सागर जी का जीवन परिचय
जन्म 1936 से 2002
मुनि दीक्षा 1993 से समाधि 2002
मध्यप्रदेश खरगोन जिले में सनावद के निकट मोगावा ग्राम में
श्रीमति भागा देवी श्री नेमि चंद जी के तृतीय पुत्र श्री तिलोकचंद जी का जन्म 27 जुलाई 1936 को हुआ
जन्मदायनी माता से प्राप्त संस्कार
बचपन से जन्मदायनी माता से प्राप्त संस्कार समय समय पर
देखते रहे। आपकी पूज्य माताजी
स्वयम प्रतिदिन एक रस का त्याग कर केवल एक समय भोजन करती थी
स्वयम हाथ से गेहूं पीस कर शुद्ध कपड़ो में 4 बहुएं होने के बावजूद खाना। स्वयम बनाती थी
आजीवन शुद्र जल त्याग का नियम था साधुओ को आहार देती थी
धर में रहकर प्रतिमा नियमो का पालन करती थी। वही संस्कार पुत्रो बहुओं पोते पोतियों को दिए
इन्ही संस्कारो के बीजारोपण कारण एक पुत्र तथा एक पोते ने मुनि दीक्षा ली तथा पड़ पोती ने आर्यिका दीक्षा ली
पारिवारिक जिम्मेदारी कारण स्वयम दीक्षा नही ले पाई
नगर में चातुर्मास रत आर्यिका सुपार्श्व मति जी आर्यिका श्री ज्ञानमति जी एवम श्री सिद्धवरकूट क्षेत्र आने वाले आचार्य संधो के समागम सानिध्य
से वैराग्य की भावना वृद्धि गत होती रही
दीक्षा के लिए श्रीफल भेंट
दो पुत्रों चार पुत्रियों के संसारिक दायित्यों से निर्वत होकर पंचम पट्टाधिश आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी के 26 वर्षों बाद प्रथम नगर आगमन पर 14 मार्च 1993 को श्रीफल अर्पित कर एक वर्ष में मुनि दीक्षा देने हेतु निवेदन किया
ओर तभी से संघ में शामिल हो गए
मुनि दीक्षा
श्री क्षेत्र श्रवण बेलगोला में ठीक 25 वर्ष पूर्व 25 नवम्बर 1993 को पंचम पट्टाधिश आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी से मुनि दीक्षा लेकर नाम श्री चारित्र सागर प्राप्त किया
व्रत उपवास
अल्प कालीन 8 वर्ष के साधु जीवन मे लगभग 800 से अधिक उपवास कर कर्मो की निर्जरा की
सनावद में समाधि
एक संयोग रहा कि वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी से सनावद चातुर्मास का निवेदन किया कि सागर नही तो कुछ लहरे ही दे दीजिए
करुणाधारी आचार्य श्री ने संघस्थ
मुनि श्री हित सागर जी श्री चारित्र सागर जी श्री अपूर्व सागर जी श्री देवेन्द्र सागर जी एवम ऐलक श्री नमित सागर जी को जन्म भूमि सनावद में 2001 का वर्षायोग करने की अनुमति दी
चातुर्मास के बाद स्वास्थ्य प्रतिकूल। होने से 21 जनवरी 2002 को आपकी समाधि हो गई यह एक संयोग था कि सनावद में जन्मे साधु की सनावद में समाधि हुई
परिवार को सुसंस्कार
मुनि श्री चारित्र सागर जी के संस्कारों एवम जीवन ने पूरे परिवार को त्याग मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया सबसे ज्यादा प्रभाव पोती पर हुआ
बाल ब्रह्मचारिणी सिद्धा जब 4 वर्ष की थी तब दादाजी ने 1993 में आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी से श्रवण बेलगोला में सीधे मुनि दीक्षा ली वर्ष 2002 में मुनि श्री चारित्र सागर जी की समाधि जन्म नगरी सनावद में हुई तब सिद्धा दीदी की उम्र मात्र 13 वर्ष की थी उन्ही के संन्यास मार्ग से सिद्धा के मन मे वैराग्य का बीजारोपण हुआ
यह भी एक संयोग है कि श्री श्रवण बेलगोला में आचार्य श्री वर्द्धमान सागर जी से 25 नवम्बर को श्री चारित्र सागर जी की दीक्षा हुई उसी पावन भूमि पर उन्ही आचार्य श्री से 25 वर्ष बाद 25 तारिख को पोती बाल ब्रह्मचारिणी सिद्धा दीदी आर्यिका दीक्षा लेकर श्री महायश मति बनती है
नगर सनावद का गौरव है कि सनावद के 16 साधुओ में पंचोलिया परिवार से 6 दीक्षा निम्न। हुई
आचार्य श्री वर्धमान सागर जी
मुनि श्री चारित्र सागर जी
मुनि श्री श्रेष्ठ सागर जी
आर्यिका श्री सुदृढ़ मति जी
आर्यिका श्री महायश मति
क्षुल्लक श्री मोती सागर जी
यही मंगल कामना है कि सभी धर्म की प्रभावना करते हुए सर्वोच्य पद को प्राप्त करे
राजेश पंचोलिया सनावद इंदौर 9926065065
राजेश पंचोलिया सनावद इंदौर 9926065065
#CharitraSagarjiMaharaj1936VardhmaanSagarJi
राजेश पंचोलिया सनावद इंदौर 9926065065
मुनि श्री १०८ चरित्र सागरजी महाराज
Acharya Shri 108 Vardhaman Sagarji Maharaj 1950 (Vatsalya Viridhi)
आचार्य श्री १०८ वर्धमान सागरजी महाराज १९५० (वात्सल्य विरुद्ध) Acharya Shri 108 Vardhaman Sagarji Maharaj 1950 (Vatsalya Viridhi)
Dhaval Patil Pune-9623981049
राजेश पंचोलिया सनावद इंदौर 9926065065
Dhaval Patil Pune-9623981049
VardhamansagarjiDharmsagarji
Muni Shri 108 Charitra Sagar ji Maharaj was born on 27-July-1936 at Mogawa village near Sanawad in Khargone district of Madhya Pradesh and he took Initiation from Aacharya Shri 108 Vardhmaan Sagar Ji Maharaj on 25 November 1993 at Shri Kshetra Shravan Belgola.
Life Introduction of Kshapak Muni Shri Charitra Sagar
Born in Year 1936
Muni initiation 1993 Samadhi 2002
In Mogawa village near Sanawad in Khargone district of Madhya Pradesh
Shri Tilokchand ji, the third son of Shrimati Bhaga Devi Shri Nemi Chand ji was born on 27 July 1936
राजेश पंचोलिया सनावद इंदौर 9926065065
Muni Shri 108 Charitra Sagarji Maharaj
आचार्य श्री १०८ वर्धमान सागरजी महाराज १९५० (वात्सल्य विरुद्ध) Acharya Shri 108 Vardhaman Sagarji Maharaj 1950 (Vatsalya Viridhi)
आचार्य श्री १०८ वर्धमान सागरजी महाराज १९५० (वात्सल्य विरुद्ध) Acharya Shri 108 Vardhaman Sagarji Maharaj 1950 (Vatsalya Viridhi)
Acharya Shri 108 Vardhaman Sagarji Maharaj 1950 (Vatsalya Viridhi)
Acharya Shri 108 Vardhaman Sagar ji Maharaj
Dhaval Patil Pune-9623981049
#CharitraSagarjiMaharaj1936VardhmaanSagarJi
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