हैशटैग
#Devsagarji1944VardhamanSagarJiMaharaj1950
Muni Shri 108 Devsagar Ji Maharaj born on 24 th Octomber 1944 at Rajasthan. His Father's name is Ladulalji Ajmera. His Mother's name is Sudidevi Ajmera. He educated in 11th Standard. He took Bramhcharya Vrut on 2011. He took Sevanth Pratima 3rd Febauray 2016. He took Muni Diksha on 14th Octomber 2016 From Acharya Shri 108 Vardhmanasagar Ji Maharaj at Shri Sidhkshetra Sidhbarkut, Madhya Pradesh.
जीवन परिचय
गृहस्थावस्था का नाम – श्री सिद्धकरण जी जैन
गौत्र - अजमेरा
जन्म स्थान - ग्राम पचेवर तह. मालपुरा जिला टोंक (राजस्थान)
जन्म तिथी व दिनांक - कार्तिक शुक्ल ७ मंगलवार संवत २००१ २४ आक्टृम्बर, १९४४
पिता का नाम – स्व.श्री लादूलाल जैन
माता का नाम - स्व. श्रीमती सूंठी देवी जैन
पत्नी का नाम – श्रीमती सौभाग्य देवी (शोभा) जैन
पुत्र - श्री उम्मेद कुमार व प्रमोद कुमार जैन
पुत्री व दामाद - श्रीमती बिना देवी व श्री राजकुमार जी जैन गंगवाल फुलेरा किशनगढ्
पुत्र वधूएं – श्रीमती ममता जैन, श्रीमती रेखा जैन
पौत्र – पौत्रियाँ – तरुण, प्रियांशु, रौनक,खुशी जैन
दोहता – दोहिती - गौरव जैन, भारती जैन
भाई – स्व. श्री ताराचंद्जी स्व.श्री गुमान मलजी, श्री बोदूलालजी जैन
बहिनें - स्व. श्रीमती कमला देवी., स्व. श्रीमती तीजा देवी जैन
ननिहाल- लदाना
ससुराल – कचौलिया (वर्तमान में मालपुरा,जयपूर,किशनगढ्)
लौकिक शिक्षा – हायर सैकेण्डरी
धार्मिक शिक्षा – श्री दिगंबर जैन महावीर विद्यालय पचेवर में पं श्री महेंद्र कुमार जी जैन
अजमेरा से
व्यवसाय – ग्रेन मर्चेंट, किराना,कपडा,एजेन्सी प्रोपर्टी आदि का व्यापार
व्यावसायिक साभेज्दार – स्व. श्री सोहन लालजी एवम् श्री प्रमोद कुमार जी जैन शाह
जैन संस्थाओंमें पद – श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर में कई वर्षो तक कोषाध्यक्ष, महामंत्री जैन पाठशाला व वीर बाल मंडळ सें भी कई पदों पर रहे |
नियम व्रत व दैनिक जीवन चर्या –
आजीवन चाय पीने का त्याग, शुद्र जल त्याग, जमीकंद खाने का त्याग, नित्य अभिषेक पूजन स्वाध्याय करने के नियम, सायंकालीन शास्त्र सभा में नियमित जिनवाणी श्रवण करना प्रातः २.३० बजे उठकर जाप्य पाठ आदि करना हरी साग-सब्जीयों, फल आदि खाने का परिमाण, ब्र्हमचर्यव्रत वर्षो सें रात्रि विश्राम जैन धर्मशाला में करना आदि – आदि कई छोटे – बडे नियम थे |
उपवास व व्रत
अष्टान्हीका के उपवास– गृहस्थ जीवन में ७ बार
८ - ८ मुनि अवस्था में २ बार
दशलक्षण व्रत - १० उपवास एक बार
सोलह्कारण व्रत - १६ उपवास एक बार
पंच मेरू व्रत - ५- ५ उपवास ५ वर्ष तक
कवल चंद्रायण व्रत - एक बार
अनन्त व्रत - १४ वर्ष तक
रात्नत्रय व्रत - ३ – ३ उपवास तीन वर्ष तक
अष्टमी चतुर्दशी के उपवास - १५ – २० वर्षो सें
दशलक्षण में एक उपवास, दो एकासन कई बार
रस छोडकर भोजन करना व एक समय भोजन कई वर्षो सें कर रहे थे |
प.पू. आचार्य १०८ श्री श्रध्दनंदिजी महाराज से फ्वेवर में वर्षायोग के पश्चात सन २०१० में ५ वर्ष के अंतर्गत धर खोदने का नियम लिया था | अर्थात ३१ दिसंबर २०१५ तक धर खोदने का श्रीफल चढाकर संकल्प लिया |
धाम में आने वाले साधू संतो का चौका लगाना वैयावृत्ती करना तथा विहार आदि में साथ जाने का नियम था |
प्रेरणा
( गृहस्थ अवस्था के चाचा ससुर श्री प्रेमचंदजी जैन पापडीवाल) प.पू. मुनि 108 श्री मिस्पृद्ध सागर जी महाराज एवम् विमल कुमार जैन
गृहत्याग
माघ सुदी एकम्, रविवार संवत् २०७२ दिनांक २४ जनवरी १०१६ फ्वेवर से पद्मपुरा बाड़ा
गुरु-
आर्ष परंपरा के पंचम पट्टाचार्य प.पू. वात्सल्य परिधि आचार्य १०८ श्री वर्धमान सागरजी महाराज
संयम ग्रहण
सप्तम प्रतिमा : आचार्य श्री वर्धमान सागरजी महाराज
स्थान : पद्मपुरा बाड़ा
सन् : २०१६
मुनि दीक्षा –
स्थान : श्री सिद्धक्षेत्र सिद्ध्वर कुट
दिनांक : १४ अक्टूबर २०१६
नाम : मुनि देवसागरजी
समाधी –
स्थान : गोमटेश्वर बाहुबली श्रवण बेलगोला कर्नाटक
दिनांक : ६ जनवरी २०१८ माघ सुदी ४ सं. २०७४
हमारे ग्राम फ्वेवर के इतिहास में बने प्रथम मुनिश्री देव सागरजी महाराज के पावन चरणों में कोटिश: नमोस्तु ! नमोस्तु ! नमोस्तु
मुनि श्री 108 देवसागर जी महाराज का जन्म 24 अक्टूबर 1944 को राजस्थान में हुआ था। उनके पिता का नाम लादुलालजी अजमेरा है। उनकी माता का नाम सुदीदेवी अजमेरा है। उन्होंने 11वीं कक्षा में शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने २०११ को ब्रह्मचर्य व्रत लिया। उन्होंने ३ फरवरी २०१६ को सातवी प्रतिमा ली। उन्होंने १४ अक्टूबर २०१६ को आचार्य श्री १०८ वर्धमानसागर जी महाराज से श्री सिद्धक्षेत्र सिद्धबरकुट, मध्य प्रदेश में मुनि दीक्षा ली।
#Devsagarji1944VardhamanSagarJiMaharaj1950
मुनी श्री १०८ देव सागरजी महाराज
Acharya Shri 108 Vardhaman Sagar Ji Maharaj 1950 (Vatsalya Viridhi)
आचार्य श्री १०८ वर्धमान सागरजी महाराज १९५० (वात्सल्य विरुद्ध) Acharya Shri 108 Vardhaman Sagarji Maharaj 1950 (Vatsalya Viridhi)
VardhamansagarjiDharmsagarji
Muni Shri 108 Devsagar Ji Maharaj born on 24 th Octomber 1944 at Rajasthan. His Father's name is Ladulalji Ajmera. His Mother's name is Sudidevi Ajmera. He educated in 11th Standard. He took Bramhcharya Vrut on 2011. He took Sevanth Pratima 3rd Febauray 2016. He took Muni Diksha on 14th Octomber 2016 From Acharya Shri 108 Vardhmanasagar Ji Maharaj at Shri Sidhkshetra Sidhbarkut, Madhya Pradesh.
Muni Shri 108 Dev Sagarji Maharaj
Former name: Shri Siddhakaranji Ajmera
Date of Birth: 24 October 1944
Place of Birth: Pachewar
Father's Name: Shri Ladu Lalji
Mother's Name: Smt. Sudi Devi
Education: 11th
Wife's Name: Smt. Shobha Devi
Diksha Guru: Acharya Shri 108 Vardhman Sagarji Maharaj
Date of Diksha: 14 October 2016
Place of Diksha: Siddhavar Koot
Samadhi: 6 January 2018 at Sri Shravan Belgola, Karnataka
Shri Vimal Kumar Jain- 9667002499
Muni Shri 108 Devsagarji Maharaj
आचार्य श्री १०८ वर्धमान सागरजी महाराज १९५० (वात्सल्य विरुद्ध) Acharya Shri 108 Vardhaman Sagarji Maharaj 1950 (Vatsalya Viridhi)
आचार्य श्री १०८ वर्धमान सागरजी महाराज १९५० (वात्सल्य विरुद्ध) Acharya Shri 108 Vardhaman Sagarji Maharaj 1950 (Vatsalya Viridhi)
Acharya Shri 108 Vardhaman Sagar Ji Maharaj 1950 (Vatsalya Viridhi)
Muni Shri 108 Devsagarji Maharaj
#Devsagarji1944VardhamanSagarJiMaharaj1950
VardhamansagarjiDharmsagarji
#Devsagarji1944VardhamanSagarJiMaharaj1950
Devsagarji1944VardhamanSagarJiMaharaj1950
You cannot copy content of this page