Muni Shri 108 Padm Sagar ji Maharaj was born in Tonk,Rajasthan.His name was Dhulchand Ji before diksha.He received the initiation from Acharya Shri 108 Veer Sagar Ji Maharaj.
मुनि श्री १०८ पद्मसागरजी के गृहस्थावस्था का नाम धूलचन्दजी था । आपका जन्म आज से लगभग ६० वर्ष पूर्व टोंक ( राजस्थान) में हुआ था । आपके पिता श्री गदमलजी पंडित व माताजी श्रीमतो भोलीबाई थीं । आप खण्डेलवाल जाति के, भूषण व बाकलीवाल गोत्रज थे। आपकी लौकिक एवं धार्मिक शिक्षा साधारण ही हुई । आपके पिताश्री गोटे का व्यापार करते थे । आपने विवाह नहीं कराया । बालब्रह्मचारी ही रहे । परिवार में एक भाई और हैं। संसार की नश्वरता को जानकर आपने स्वयं प्राचार्य श्री १०८ वीरसागरजी महाराज से खानियां, जयपुर में मुनिदीक्षा ले ली। आपने इन्दौर आदि में चातुर्मास कर धर्मवृद्धि की।
पदमपुरी में सन् १-६-८१ में आपने चातुर्मास किया था। यहीं पर आचार्य कल्प श्री श्रुतसागरजी के सानिध्य में आपने समाधि मरण किया।
Muni Shri 108 Padm Sagar ji Maharaj was born in Tonk,Rajasthan.His name was Dhulchand Ji before diksha.He received the initiation from Acharya Shri 108 Veer Sagar Ji Maharaj.