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#SambhavSagarJiMaharaj1944DharmSagarJi
Muni Shri 108 Sambhav Sagar Ji Maharaj was born on 28-10-1944 in Udaipur,Rajasthan.He received the initiation from Acharya Shri Dharm Sagar Ji Maharaj.
उदयपुर शहर में हमण जाति में मंत्रेश्वर गोत्रा अन्तर्गत श्री जवाहरलालजी के घर श्रीमती चम्पूबाईजी की कुक्षि से आपका जन्म हुआ। आपका जन्म नाम सुरेन्द्रकुमार था। बालक सुरेन्द्र के जीवन पर अपनी दादी की धार्मिक वृत्ति का प्रभाव पड़ा। वे एक धर्म परायण सत्चरित्र सुयोग्य महिला थीं । इनके पिता होनहार कर्मठ व्यक्ति हैं तथा मुनीमी का कार्य करते हैं। बालक सुरेन्द्र अपनी तीन बहिनों में ज्येष्ठ और माता पिता का एक मात्र पुत्र होने के कारण सभी के लिए अत्यन्त लाडला और प्रिय था। इसकी प्रारम्भिक स्कूली शिक्षा उदयपुर में ही कक्षा ४ तक हुई।
सुरेन्द्रकुमार जब १० वर्ष का था तब एक स्थानकवासी साधु द्वारा किसी महिला को दीक्षा लेते देखकर इसके अन्तर मेंवैराग्य का उदय हुआ । फलतः दो माह बाद ही इसने कुछ व्रत लेकर धार्मिक व्रती का परिचय दिया।
जब १२ वर्ष की अवस्था हुई तब दरियाबाद में हुई मुनिराज आदिसागरजी महाराज की समाधि के अवसर पर संसार की असारता को प्रत्यक्ष देख सुरेन्द्रकुमार विह्वल हो उठा और तभी से गृह त्याग कर दिया। ६ माह बाद ही श्री देवेन्द्र सागरजी महाराज से दूसरी प्रतिमा के व्रत अङ्गीकार कर लिए। भावों में और निर्मलता पाई और १४ अगस्त ६४ की शुभ बेला में परम पूज्य आर्यिका ज्ञानमतीजी से हैदराबाद में सप्तम प्रतिमा तक के व्रत अंगीकार कर लिए। अन्तर में विराग की निर्मल धारा बहने लगी और कर्म शत्रुओं से लिप्त निर्मल आत्मा में वैराग्य भावना की ज्योति जलने लगी फलतः तीन माह बाद ही कार्तिक शुक्ला एकादशी के दिन परम पूज्य दिगम्बर जैनाचार्य श्री शिवसागरजी महाराज से अतिशय क्षेत्र
पापोराजी में क्षुल्लक दीक्षा ग्रहण कर निर्मल वैराग्यमयी भावना का आश्चर्यकारी प्रत्यक्ष उदाहरण प्रस्तुत कर दिया । केवल १८ वर्ष की अल्प अवस्था में संसार को असारता से भयभीत हो ऐसे सुमार्ग का अनुसरण कर जिस दृढ़ भावना का परिचय सुरेन्द्रकुमार ने दिया है, वह अनेकों भव्यों को कल्याणकारी संकेत की भांति हितकारी है। श्री महावीरजी पंच कल्याणक प्रतिष्ठा में आचार्य धर्मसागरजी से मुनि दीक्षा सं० २०२५ में ली । तथा मुनि के व्रतों को पाल रहे हैं।
Book written by Pandit Dharmchandra Ji Shashtri -Digambar Jain Sadhu
#SambhavSagarJiMaharaj1944DharmSagarJi
Book written by Pandit Dharmchandra Ji Shashtri -Digambar Jain Sadhu
मुनि श्री १०८ संभव सागर जी महाराज
आचार्य श्री १०८ धर्म सागरजी महाराज १९१४ Acharya Shri 108 Dharm Sagarji Maharaj 1914
DharmSagarJiMaharaj1914
Muni Shri 108 Sambhav Sagar Ji Maharaj was born on 28-10-1944 in Udaipur,Rajasthan.He received the initiation from Acharya Shri Dharm Sagar Ji Maharaj.
Book written by Pandit Dharmchandra Ji Shashtri -Digambar Jain Sadhu
Muni Shri 108 Sambhav Sagarji Maharaj
आचार्य श्री १०८ धर्म सागरजी महाराज १९१४ Acharya Shri 108 Dharm Sagarji Maharaj 1914
आचार्य श्री १०८ धर्म सागरजी महाराज १९१४ Acharya Shri 108 Dharm Sagarji Maharaj 1914
#SambhavSagarJiMaharaj1944DharmSagarJi
DharmSagarJiMaharaj1914
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SambhavSagarJiMaharaj1944DharmSagarJi
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