Muni Shri 108 Sanmati Sagar ji Maharaj was born in Todaraisingh.His name was Mohanlal Ji before diksha.He received the initiation from Acharya Shri 108 Veer Sagar Ji Maharaj.
श्री १०८ मुनि सन्मतिसागरजी का गृहस्थ अवस्था का नाम मोहनलालजी था। आपका जन्म आज से करीब ७० वर्ष पूर्व टोडारायसिंह में हुआ। आपके पिता श्री मोतीलालजी थे। आप खण्डेलवाल जाति के भूषण थे और गोत्र छाबड़ा है । आपकी धार्मिक एवं लौकिक शिक्षा साधारण ही हुई । आपका विवाह भी हुआ था। आपने .१०८ श्री प्राचार्य वीर सागरजी से दीक्षा ली। आपने इन्दौर
औरंगाबाद, फल्टन, कुम्भोज, जबलपुर, आरा आदि स्थानों पर चातुर्मास किये। आपको तत्वार्थसत्र का विशेष परिचय था । आप अभी आहार में केवल दूध मात्र ग्रहण करते रहे । आप इसी प्रकार शरीर से आत्मा की दिशा में बढ़ते रहे । सन १९८१ को उदयपुर में आपने समाधि ग्रहण कर ली तथा भौतिक शरीर का त्याग भी यहीं किया ।
Muni Shri 108 Sanmati Sagar ji Maharaj was born in Todaraisingh.His name was Mohanlal Ji before diksha.He received the initiation from Acharya Shri 108 Veer Sagar Ji Maharaj.