दुकान पर बही पूजन पूजन करने से पूर्व अष्टद्रव्य तैयार कर एक चौकी पर रख लें। दूसरी चौकी पर थाली में स्वस्तिक बनायें, मंगलकलश की स्थापना करें। गद्दी पर बहीखाता, कलम-दवात,रूपयों की थैली आदि रखें।
एक चौकी पर नये बही के अंदर सीधे पृष्ठ पर ऊपर शुद्ध केशर या चंदन से स्वस्तिक बनायें तथा श्री का पर्वताकार लेखन निम्न प्रकार करें।
श्री महावीरस्वामीने नमः श्री शुभ श्री लाभ श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्री श्रीऋषभनाथाय नमः। श्रीमहावीरस्वामीने नमः॥ श्री गौतमगणधराय नमः श्री जिनमुखोद्भवसरस्वतीदेव्यै नमः । श्रीकेवलज्ञानलक्ष्मीदेव्यै नमः। नगर मध्य……..शुभ मिति……..वार……..विक्रम सं…….. वीर निर्वाण सं…….ता………माह…….सन्…….. लग्न ………….. नक्षत्र……..वार. शुभ बेला में नवीन बही खातों का मुहूर्त किया। नाम दुकान……… नाम बही………
जैन समाज में भी इस दिन बही खाते बदलने की और नया कार्य प्रारंभ करने की परम्परा चली आ रही है, क्योंकि वह युग परिवर्तन का समय था, इसलिए नई व्यवस्था के प्रारम्भ के योग्य यह समय माना गया।