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#KunthuSagarJiMaharajAcharyaShriMahavirKirtiji
Ganadhipati Ganadharacharya Shri 108 Kunthu Sagar Ji Maharaj
February 22 Update
समाधिमरण
कुंथुगिरि (महाराष्ट्र)- आचार्य श्री कुंथुसागर महाराज जी के ससंघ सान्निध्य में कुंथुगिरि महाराष्ट्र में आचार्य श्री विरागसागर महाराज जी के शिष्य मुनि श्री विश्वतीर्थसागर महाराज का समाधिमरण 25 जनवरी 2022 रात्रि 10 बजे हुआ।
Ref - Sanksar Sagar -Feb 22
February 22 Update
समाधिमरण
कुंथुगिरि (महाराष्ट्र)- आचार्य श्री कुंथुसागर महाराज जी के ससंघ सान्निध्य में । कुंथुगिरि महाराष्ट्र में उनके ही शिष्य मुनि श्री , अभयनंदी महाराज जी का समाधिमरण 25 'जनवरी 2022 को प्रातः 4 बजे हुआ।
Ref - Sanksar_Sagar -Feb 22
10.Acharya Shri Anubhavnandi Ji Maharaj(Samadhi)
इस २०वीं सदी के महा तपस्वी प्रथम आचार्य १०८ श्री आदिसागरजी महाराज (अंकलीकर) जो जंगलों में रहकर तप एवं साधना करते थे। आपके पट्ट शिष्य आचार्य १०८ श्री महावीरकीर्तिजी महाराज जो महा तपस्वी, समाधि सम्राट, चारित्र चूडामणि एवं १८ भाषाओं के ज्ञाता होने के साथ समस्त भारत में विहार करके जिन शासन की महत्ती धर्म प्रभावना की थी। आपकी कीर्ति गाथा अनेकानेक चमत्कारों से भरी पडी है। ऐसे महायोगी के परम प्रियाग्र शिष्य है १०८ गणाधिपति गणधराचार्य श्री कुंथुसागरजी महाराज साहब हैं। आपने १८ वर्ष की अल्पायु में हमचा सिद्ध श्रेत्र पर मुनि दीक्षा ग्रहण की एवं अपने गुरुवर द्वारा उनके समाधि समय पर गणधर पद प्राप्त किया। आपने पूरे भारत वर्ष में पद विहार करते हुए शताधिक दीक्षाएं प्रदान की एवं अनेकानेक ग्रंथों का लेखन, अप्राप्य दुलर्भ ग्रन्थों का भाषानुवाद कर पुनर्लेखन करके जिनवाणी का उद्धार, प्रचार-प्रसार किया। एकांतवादियों को शास्त्रार्थ की चुनौती देकर उनका मान-मर्दन करके स्याद्वाद् धर्म का परचम फहराया। ऐसे युग प्रमुख संत द्वारा राजस्थान में मेवाड़ प्रान्त के प्राचीन श्री अणिन्दा पार्श्वनाथ अतिशय क्षेत्र का जीर्णोद्धार हुआ, नूतन जिनालय निर्माण व वृहत्तर कार्य हुए हो रहे हैं। आप महाप्रभावक गणधराचार्य श्री कुन्थुसागरजी महाराज के शिष्य मुनि १०८ श्री धर्मनंदीजी प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन प्रेरक है।
२०२४ अद्यतन
दिसंबर २०२४
सदलगा कर्नाटक - भव्य पिच्छिका परिवर्तन और गुरु मंदिर और चरण पादुका का शिलान्यास समारोह, ८ दिसंबर २०२४ को परम पूज्य मुनि श्री १०८ कुंथुसागरजी महाराज जी की उपस्थिति में गुरु मंदिर और चरण पादुका का शिलान्यास।
#KunthuSagarJiMaharajAcharyaShriMahavirKirtiji
आचार्य श्री १०८ कुंथु सागरजी महाराज
आचार्य श्री १०८ महावीरकीर्तिजी १९१० Acharya Shri 108 Mahaveerkirtiji 1910
Chaturmas | |
---|---|
2017 | Kunthugiri Shree Kshetra Jain Temple, Alate, Maharashtra, India |
2016 | Kunthugiri Shree Kshetra Jain Temple, Alate, Maharashtra, India |
2015 | Beena Barah Digamber Jain Atishay Kshetra Beena Madhya Pradesh India |
2009 | Kolhapur Maharashtra India |
Dhaval Patil Pune-9623981049
Dhaval Patil Pune-9623981049
KunthuSagarJiMaharajAcharyaShriMahavirKirtiji
Ganadhipati Ganadharacharya Shri 108 Kunthu Sagar Ji Maharaj
February 22 Update
समाधिमरण
कुंथुगिरि (महाराष्ट्र)- आचार्य श्री कुंथुसागर महाराज जी के ससंघ सान्निध्य में कुंथुगिरि महाराष्ट्र में आचार्य श्री विरागसागर महाराज जी के शिष्य मुनि श्री विश्वतीर्थसागर महाराज का समाधिमरण 25 जनवरी 2022 रात्रि 10 बजे हुआ।
Ref - Sanksar Sagar -Feb 22
February 22 Update
समाधिमरण
कुंथुगिरि (महाराष्ट्र)- आचार्य श्री कुंथुसागर महाराज जी के ससंघ सान्निध्य में । कुंथुगिरि महाराष्ट्र में उनके ही शिष्य मुनि श्री , अभयनंदी महाराज जी का समाधिमरण 25 'जनवरी 2022 को प्रातः 4 बजे हुआ।
Ref - Sanksar_Sagar -Feb 22
10.Acharya Shri Anubhavnandi Ji Maharaj(Samadhi)
The first great ascetic of this 20th century, 108 Shri Adisagarji Maharaj (Anklikar), who used to do penance and meditation in the forests. Your patta disciple Acharya 108 Shri MahavirKirtiji Maharaj, who was a great ascetic, samadhi emperor, charitra chudamani and a master of 18 languages, who ruled in the whole of India, having practiced the importance of religion. Your fame story is full of many miracles. The Supreme Priest is disciple of such Mahayogi, 108 Ganadhipati Ganadharacharya is Shri Kunthusagarji Maharaj Sahib. You took Muni initiation on Hamcha Siddha Sretra at the tender age of 18 years and attained Ganadhar post by your Guru at his Samadhi time. While serving in the whole of India, he gave centuries of initiation and wrote many scriptures, translated and rewritten the inaccessible rare texts and saved and propagated Jinwani. Challenging the secularists by flaunting them and hoisted the flag of Syedvad religion. The ancient Sri Aninda Parshwanath atiyyar area of Mewar province in Rajasthan was renovated by such an era saint, construction of new courtyard and greater works are being done. You are the inspiration for the publication of the book Muni 108 Shri Dharmanandiji, a disciple of the great influential Ganadharacharya Shri Kunthusagarji Maharaj.
2024 Update
December 2024
Sadalga Karnataka - Grand Pichchika Parivartan and foundation stone laying ceremony of Guru Mandir and Charan Paduka, laying of foundation stone of Guru Mandir and Charan Paduka in the presence of Most Revered Muni Shri 108 Kunthusagarji Maharaj Ji on 8th December 2024.
Acharya Shri 108 Kunthu Sagarji Maharaj
आचार्य श्री १०८ महावीरकीर्तिजी १९१० Acharya Shri 108 Mahaveerkirtiji 1910
आचार्य श्री १०८ महावीरकीर्तिजी १९१० Acharya Shri 108 Mahaveerkirtiji 1910
Chaturmas | |
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2017 | Kunthugiri Shree Kshetra Jain Temple, Alate, Maharashtra, India |
2016 | Kunthugiri Shree Kshetra Jain Temple, Alate, Maharashtra, India |
2015 | Beena Barah Digamber Jain Atishay Kshetra Beena Madhya Pradesh India |
2009 | Kolhapur Maharashtra India |
Gandharyacharya
Dhaval Patil Pune-9623981049
#KunthuSagarJiMaharajAcharyaShriMahavirKirtiji
KunthuSagarJiMaharajAcharyaShriMahavirKirtiji
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