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#VidyanandiSagarJiMaharaj1963KunthuSagarJi
Acharya Shri 108 Vidya Nandi Ji Maharaj was born on 15 January 1963 in Village-Vasagade,Dist-Kolhapur,Maharashtra.His name was Surgonda Ji Chaugule before Diksha. He received initiation from Acharya Shri 108 Kunthu Sagar Ji Maharaj.
ब्रह्मचर्य व्रत : 1980 में 17 वर्ष की किशोरावस्था में धारण करके राग से विराग की ओर अग्रसर हुए। मुनि दीक्षा : 30 मार्च 1986 को, ऐनापुर, जिला-बेलगांव (कर्नाटक) में दीक्षा गुरु : गणाधिपति गणधराचार्यश्री कुन्थुसागरजी महाराज नाम : मुनिश्री विद्यानन्दिजी महाराज, तत्पश्चात उपाध्याय पद, 2001 में शिक्षा गुरु : आचार्यश्री कनकनन्दिजी महाराज आचार्य पद : 18 मई 2013 को, तीर्थक्षेत्र कुन्थुगिरि में पद प्रदाता : गणाधिपति गणधराचार्यश्री कुन्थुसागरजी महाराज
कुछ प्रसंग - रांगोली (महाराष्ट्र) में श्री समवशरण महामंडल आराधना एवं लघु पंचकल्याणक,मानस्तंभ, महामस्तकाभिषेक महोत्सव एवं विश्वशांति महायज्ञ में पावन सान्निध्य, 2013 में तीर्थ क्षेत्र कुन्थुगिरि के पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में सान्निध्य, उनके साधना-प्रभावना पथ में अध्ययन, अध्यापन, चिंतन, लेखन, व्याख्यान, धर्म-दर्शन-विज्ञान, प्रशिक्षण शिविर शामिल हैं।
उपाधियां : ज्ञानयोगी, प्रज्ञायोगी, विद्याश्री की मानद उपाधियां।
साहित्य :मां ममता और समता की मूर्ति, नारी समाज की दासी नहीं-देवी है, त्याग और दान संस्कृति एवंप्रकृति, राग-अनुराग और वीतराग, कौन बनेगा पुण्यपति, व्यक्तित्व से युग-निर्माण संभव आदि।
संदेश : “संस्कृति, सत्य और यथार्थ सुख शाश्वत रहते हैं। धर्म आत्मा से अलग नहीं हो सकता है। न ही कोई जीव - बिरादरी धर्म से अलग हो सकती है। मुनिराज संसार में दुखों से संतप्त समाज को उपदेशों से शांत करते हैं। संतों का चातुर्मास समाज को संगठित करने से होता है। समाज को तोड़ना सरल है, जोड़ना कठिन है। जैन समाज के अल्पसंख्यक होने पर भी आत्मगौरवशाली होनेका यही कारण है कि जैन समाज शांति, दया एवं मानवीयता पर विश्वास रखता है।"
#VidyanandiSagarJiMaharaj1963KunthuSagarJi
आचार्य श्री १०८ विद्यानंदी सागरजी महाराज
Aacharya Shri 108 Kunthu Sagar Ji Maharaj
आचार्य श्री १०८ कुन्थु सागरजी महाराज Acharya Shri 108 Kunthu Sagarji Maharaj
Shedwal (1986), Akluj, Ara, Barout, Muzaffarnagar, Rohtak, Niwai, Lava, Bijoulia, Kota, Keshariji, Sagwara, Salumbar, Jhadol, Udaipur (2000), Gingla, Pratapgarh, Mungana, Ganora, Udaipur, Sagwara, Vasagade, Pattanakudi, Harugeri, Vasagade, Kolhapur, Kunthugiri, Sangli, Kunthugiri, Phaltan, Malshiras (2017)
Dipika Hiralal Padliya,Kandivali east , Mumbai
Sanjul Jain created wiki page for Maharaj ji on 18-Feb-2021
VidyanandiSagarJiMaharaj1963KunthuSagarJi
Acharya Shri 108 Vidya Nandi Ji Maharaj was born on 15 January 1963 in Village-Vasagade,Dist-Kolhapur,Maharashtra.His name was Surgonda Ji Chaugule before Diksha. He received initiation from Acharya Shri 108 Kunthu Sagar Ji Maharaj.
Acharya Shri 108 Vidyanandi Sagarji Maharaj
आचार्य श्री १०८ कुन्थु सागरजी महाराज Acharya Shri 108 Kunthu Sagarji Maharaj
आचार्य श्री १०८ कुन्थु सागरजी महाराज Acharya Shri 108 Kunthu Sagarji Maharaj
Aacharya Shri 108 Kunthu Sagar Ji Maharaj
Shedwal (1986), Akluj, Ara, Barout, Muzaffarnagar, Rohtak, Niwai, Lava, Bijoulia, Kota, Keshariji, Sagwara, Salumbar, Jhadol, Udaipur (2000), Gingla, Pratapgarh, Mungana, Ganora, Udaipur, Sagwara, Vasagade, Pattanakudi, Harugeri, Vasagade, Kolhapur, Kunthugiri, Sangli, Kunthugiri, Phaltan, Malshiras (2017)
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