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#VivekSagarJiMaharaj1972SumatiSagarJi
Acharya Shri 108 Vivek Sagarji Maharaj was born on 13 October 1972 in Village-Ghisauli, Dist-Lalitpur, Uttar Pradesh. His name was Rishabh Kumar Ji before Diksha. He received initiation from Acharya Shri 108 Sumati Sagarji Maharaj.
साहित्य : विवेकोदय सम्यक्ज्ञान, बालशिक्षा (चार भाग), विवेकोदय यति प्रबोध, विवेकोदय ज्ञानमाला,विवेक सरिता, विवेक छुओ मत-देखो, विवेकोदय प्रवचन, विवेकोदय सन्मार्गवाणी, विवेकोदय चंद्र भक्ति अर्चन, विवेक प्रश्नोत्तर माला, विवेक रत्नाकर, बुद्धि क्या (तीन भाग), इष्टोपदेश, विवेक आराधना, गुरु भक्ति अर्चना, विवेक से मनाएं पर्व, विवेक से णमोकार मंत्र की सिद्धि, विवेक वंदना, शाकाहार के गुण, श्रावक प्रतिक्रमण, विवेक से अर्चना समीक्षा, विवेक काव्य खंड, विवेकोदय,चंद्रप्रभु आराधना आदि।
प्रभावना : ढाई दशकों के तपस्वी जीवन में बहुआयामी धर्मप्रभावना। पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव, वार्षिक मेला तथा रथयात्रा, विधान अनेक-अनेक स्थानों में, पूजन प्रशिक्षण शिविर, जाप्य-अनुष्ठान, महामस्तकाभिषेक, श्रावक साधना शिविर, विश्वशांति महायज्ञ, सारगर्भित प्रवचन श्रृंखला आदि में सान्निध्य एवं धर्मप्रभावना। |
संदेश “यदि व्यक्ति को मृत्यु का बोध हो जाए, तो फिर वही कभी पाप नहीं कर सकता है। वह अपना बचा समय धर्म-ध्यान में लगाएगा, किसी से घृणा-ईर्ष्या नहीं करेगा, बल्कि सभी से क्षमा मांगेगा। मृत्यु के समय वह दूसरों से वैर बांधकर संसार में और अधिक नहीं भटकना चाहेगा। इसीलिए कहते हैं कि मृत्यु का बोध, नए जीवन का शोध है। वह दूसरे के लिए नहीं, स्वयं के कल्याण का आधार है। मृत्यु से भागो नहीं, जागो-तभी जीवन को सफल कर पाओगे।"
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आचार्य श्री १०८ विवेक सागरजी महाराज
Acharya Shri 108 Sumati Sagarji Maharaj 1917
आचार्य श्री १०८ सुमति सागरजी महाराज १९१७ Acharya Shri 108 Sumati Sagarji Maharaj 1917
Sammedshikharji (1991), Naogaon, Sammed shikharji, Beohari, Aharji, Kotma, Shahgarh, Damoh, Shivpuri, Indore (2000), Barabanki, Etawah, Niwai, Tonk, Malpura, Gandhinagar-Delhi, Lalpura-Etawa, Sonagir, Agra, Sonagir, Gainwa, Indore, Raipur, Indore, Bhopal, Alwar Ghaziabad (2017)
VivekSagarJiMaharaj1972SumatiSagarJi
Acharya Shri 108 Vivek Sagarji Maharaj was born on 13 October 1972 in Village-Ghisauli, Dist-Lalitpur, Uttar Pradesh. His name was Rishabh Kumar Ji before Diksha. He received initiation from Acharya Shri 108 Sumati Sagarji Maharaj.
Acharya Shri 108 Vivek Sagarji Maharaj
आचार्य श्री १०८ सुमति सागरजी महाराज १९१७ Acharya Shri 108 Sumati Sagarji Maharaj 1917
आचार्य श्री १०८ सुमति सागरजी महाराज १९१७ Acharya Shri 108 Sumati Sagarji Maharaj 1917
Acharya Shri 108 Sumati Sagarji Maharaj 1917
Sammedshikharji (1991), Naogaon, Sammed shikharji, Beohari, Aharji, Kotma, Shahgarh, Damoh, Shivpuri, Indore (2000), Barabanki, Etawah, Niwai, Tonk, Malpura, Gandhinagar-Delhi, Lalpura-Etawa, Sonagir, Agra, Sonagir, Gainwa, Indore, Raipur, Indore, Bhopal, Alwar Ghaziabad (2017)
Acharya Shri 108 Sumati Sagarji Maharaj
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