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#SuvatsalmatiMataji1959SuvidhiSagarJiMaharaj
Aryika Shri 105 Suvatsalmati Mata ji was born on 9 September 1959 in Nagpur,Maharashtra.Her name was Shila before diksha.She received the initiation from Acharya Shri 108 Suvidhi Sagar ji Maharaj.
महाराष्ट्र की धर्ममहानगरी नागपुर में श्रावकश्रेष्ठी श्रीमान बाबूराव जी श्रावणे व उनकी धर्म पत्नी श्रीमती शांता जी श्रावणे के घर 9 सितंबर 1959 को एक कुलदीपक ब्राह्मी व सुंदरी के समान होनहार कन्या का जन्म हुआ।
माता पिता ने कन्या का नाम रखा शिला ,जो भविष्य में संयम शिला पर आरूढ़ होने वाली थी
7 जुलाई 1981 को शिला जी का विवाह धर्मवान परिवार में श्रीमान रतनचंद जी से किया गया।
रतनचंद जी व शिला जी दोनों दम्पत्ति ग्रहस्थ जीवन मे साधु सेवा व धर्म कार्यो में अग्रणी रहते थे,आपके तीन सन्ताने हुई तृप्ति,योगेंद्र व अनुराग जो आज देश विदेश में योग्य पद व सेवा में कार्यरत है।
आप दम्पत्ति में संसार की असारता देखते हुए व पूर्व भवो के संस्कारों से वैराग्य का बीजारोपण हो चुका था।
सन 2002 में जब तपस्वी सम्राट के लघुनन्दन शास्त्रार्थ धुरन्धर विद्यावाचस्पति आचार्य श्री सुविधिसागर जी गुरुदेव ससंघ का नागपुर में आगमन हुआ तब आप दम्पत्ति ने संयम पथ पर चलने का दृढ़ संकल्प कर लिया और रतनचंद जी ने 16 नवम्बर व शिला जी ने 25 नवम्बर 2002 को क्रमशः क्षुल्लक क्षुल्लिका दीक्षा ग्रहण की।
ठीक 6 माह पश्चात शिष्यों की योगयता व दृढ़ता को जानकर आचार्य श्री सुविधिसागर जी गुरुदेव ने 11 मई 2003 के शुभ दिन क्षुल्लक जी को मुनि दीक्षा देकर मुनि श्री सुविज्ञसागर व क्षुल्लिका जी को आर्यिका दीक्षा देकर आर्यिका श्री सुवत्सलमती माताजी के रूप में सुशोभित किया।
लगभग 6 वर्षो तक दीक्षा गुरु के ससंघ में रहने के पश्चात आप गुरु आज्ञा व आशीष पूर्वक सन 2008 से स्वाध्याय तपस्वी वैज्ञानिक धर्माचार्य श्री कनकनन्दी जी गुरुराज के संघ मे ज्ञानार्जन हेतु पधारे,तब से लेकर आज तक आचार्य श्री कनकनन्दी जी गुरुराज की आज्ञानुवर्ती सुशिष्या के रूप में जग विख्यात होकर गुरु आज्ञा शिरोधार्य के रूप में धर्म की महान प्रभावना कर रहे है।
शब्दसुमन-शाह मधोक जैन चितरी
नमनकर्ता-श्री राष्ट्रीय जैन मित्र मंच भारत
#SuvatsalmatiMataji1959SuvidhiSagarJiMaharaj
शब्दसुमन-शाह मधोक जैन चितरी
नमनकर्ता-श्री राष्ट्रीय जैन मित्र मंच भारत
आर्यिका श्री १०५ सुवत्सलमती माताजी
आचार्य श्री १०८ सुविधिसागरजी महाराज १९७१ Acharya Shri 108 Suvidhisagarji Maharaj 1971
SuvidhiSagarJi1971SanmatiSagar
Aryika Shri 105 Suvatsalmati Mata ji was born on 9 September 1959 in Nagpur,Maharashtra.Her name was Shila before diksha.She received the initiation from Acharya Shri 108 Suvidhi Sagar ji Maharaj.
Aryika Shri 105 Suvatsalmati Mataji
आचार्य श्री १०८ सुविधिसागरजी महाराज १९७१ Acharya Shri 108 Suvidhisagarji Maharaj 1971
आचार्य श्री १०८ सुविधिसागरजी महाराज १९७१ Acharya Shri 108 Suvidhisagarji Maharaj 1971
#SuvatsalmatiMataji1959SuvidhiSagarJiMaharaj
SuvidhiSagarJi1971SanmatiSagar
#SuvatsalmatiMataji1959SuvidhiSagarJiMaharaj
SuvatsalmatiMataji1959SuvidhiSagarJiMaharaj
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