०७ मार्च २०२४ को सुबह सौ शकुंतला देवी विजयकुमारजी पाटनी को प्रज्ञायोगी दिगंबर जैनाचार्य श्री १०८ गुप्तिनंदजी गुरुदेव के मार्गदर्शन में आर्यिका दीक्षा दी गई। दीक्षा के बाद माताजी का नाम आर्यिका श्री १०५ सुव्रतश्री माताजी रखा गया।
समाधी मरण
०७ मार्च २०२४ को दोपहर में माताजी ने आचार्य श्री 108 गुप्तीनंदीजी महाराज की उपस्थिति में भव्य समाधि ली।
On 07th March 2024 in the morning, Sau Shakuntala Devi Vijaykumarji Patni was given Aryika Diksha under the guidance of Pragyayogi Digambar Jainacharya Shri 108 Guptinandji Gurudev. After Diksha Mataji was named Aryika Shri 105 Suvratshri Mataji.
Samadhi Maran
On 07th March 2024 in afternoon Mataji had a graceful Samadhi in presence of Acharya Shri 108 Guptinandiji Maharaj.