श्रीमान अर्ककिर्ती का जन्म १९४५ में काटचित्तामुर, तमिलनाडू में हुआ। उनके पिता का नाम स्व. श्री भूपाल था। वे श्रीमान सनतकुमार जैन के पुत्र हैं और उनकी जाति नैनार है। उन्होंने ३री शिक्षा प्राप्त की और १९८९ में श्रीमती पद्मावती से विवाह किया, जो वर्तमान में क्षुल्लिका श्री १०५ सुगणमती माताजी हैं। वैराग्य की प्रेरणा उन्हें अपनी पत्नी की दीक्षा से मिली। उन्होंने १९ नवम्बर २०११ को ब्रह्मचर्य व्रत लिया और इसका आयोजन पुजल चातुर्मास में हुआ। गृह त्याग उन्होंने २०२० में मदुरै चातुर्मास के दौरान किया। उनके सान्निध्य गुरु आर्यिका श्री १०५ सुयोगमती माताजी हैं, जिन्होंने उन्हें ८ मई २०२२ को बिरूदुर, तमिलनाडू में क्षुल्लक दीक्षा दी।
Shri Arakkirti was born in 1945 in Katchchittamur, Tamil Nadu. His father was the late Shri Bhoopal. He is the son of Shri Sanatkumar Jain and belongs to the Nainar caste. He received education up to 3rd grade and married Smt Padmavati in 1989, who is now Kshullika Shri 105 Sughanmati Mataji. His renunciation was inspired by his wife’s initiation. He took the Brahmacharya vow on November 19, 2011, during the Pujal Chaturmas. He renounced his home in 2020 during the Madurai Chaturmas. His guiding guru is Aryika Shri 105 Suyogmati Mataji, who initiated him as Kshullak on May 8, 2022, in Birudur, Tamil Nadu.